
कानपुर (उप्र). कानपुर पुलिस ने पिछले हफ्ते शहर में हुई हिंसा के सिलसिले में मंगलवार को भाजपा नेता समेत 13 और लोगों को गिरफ्तार किया। हिंसा के मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 51 हो गई है। करीब 10 और संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
पुलिस उपायुक्त (पूर्वी) प्रमोद कुमार ने बताया कि पुलिस की ओर से लगाए गए पोस्टर के बाद 16 वर्षीय किशोर ने कर्नलगंज थाने में आकर आत्मसमर्पण किया है। उनके मुताबिक, पोस्टर में लगाई गई फोटो में उसकी भी तस्वीर शामिल है। कुमार ने बताया कि कोतवाली पुलिस ने तीन जून की हिंसा को लेकर फर्जी और भड़काऊ सामग्री फैलाने के आरोप में दो फेसबुक और तीन ट्विटर अकाउंट के संचालकों के खिलाफ मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज की।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के पूर्व जिला इकाई सचिव हर्षित श्रीवास्तव को सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि आगे की सच्चाई का पता लगाने और अन्य के बारे में जानकारी निकालने के लिए गहन पूछताछ की जा रही है। शुक्रवार की नमाज़ के बाद कानपुर के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी। टीवी पर बहस के दौरान भाजपा की तत्कालीन राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा की ओर से पैगंबर मोहम्मद पर की गईं “अपमानजनक” टिप्पणियों के विरोध में दुकानों को बंद कराने के प्रयास के बाद दो समुदायों के सदस्यों ने एक-दूसरे पर पथराव किया था और बम फेंके थे।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन ने डिप्टी का पड़ाव क्रासिंग के पास स्थित एक पेट्रोल पंप को सील कर दिया है। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि शुक्रवार को हिंसा से पहले इस पेट्रोल पंप से लोगों को बोतलों में ईंधन दिया जा रहा है। इसी इलाके में कथित तौर पर पेट्रोल बम भी फेंके गये थे।
Uttar Pradesh | Kanpur Police arrest BJP youth wing leader Harshit Srivastava over his controversial tweet in view of clashes in the district that broke out recently. Case registered. pic.twitter.com/0D3tEq32L9
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 7, 2022
उन्होंने कहा कि चूंकि बोतलों में पेट्रोल की बिक्री प्रतिबंधित है, इसलिए पेट्रोल पंप का लाइसेंस जांच पूरी होने तक निलंबित कर दिया गया है। जांच के दौरान यह सामने आया है कि दंगाई दूर-दूर से विभिन्न जिलों और मोहल्लों से आए थे और विशेष जांच दल (एसआईटी) इसकी पड़ताल कर रही है।
अधिकारी ने कहा कि एसआईटी ने अपना ध्यान उन लोगों पर केंद्रित किया है जो प्रमुख साजिशकर्ता और दंगों के लिए आर्थिक मददगार हो सकते हैं। पुलिस ने कथित मुख्य साजिशकर्ता जफर हयात हाशमी की पत्नी ज़ारा हयात की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है, जिसकी गिरफ्तारी गत दिवस लखनऊ के हजरतगंज से की गई थी।
एसआईटी द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्यों ने हाशमी की पत्नी पर संदेह पैदा किया जो कई व्हाट्सऐप ग्रुपों की एडमिन थी। कानपुर आयुक्तालय पुलिस ने सोमवार को पोस्टर जारी किए थे जिनमें उन लोगों की तस्वीरें हैं जिन्होंने शुक्रवार को हुई हिंसा में कथित तौर पर भूमिका निभाई थी। पुलिस ने कहा कि अलग अलग वीडियो के माध्यम से आरोपियों की तस्वीरें एकत्र की गई हैं। (एजेंसी)