
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के विद्युत कर्मियों (electrical workers) की गुरुवार की रात से जारी हड़ताल की पृष्ठभूमि में रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों से बिजली के वैकल्पिक साधनों का उपयोग नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि सपा ‘बिजली व्रत’ (Bijli Vrat) करेगी और जनता का साथ देगी। गौरतलब है कि बिजली कंपनियों में चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के चयन तथा कुछ अन्य मुद्दों को लेकर उत्तर प्रदेश के विद्युत कर्मियों ने बृहस्पतिवार रात से तीन दिन हड़ताल शुरू की है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश की जनता जिस तरह बिजली संकट से जूझ रही है, उसे देखते हुए हम यह अपील करते हैं कि सपा के नेतागण, कार्यकर्ता व शुभचिंतक बिजली आपूर्ति सामान्य होने तक इन्वर्टर या जेनरेटर जैसे बिजली के वैकल्पिक साधनों का व्यक्तिगत रूप से उपयोग ना करें।” उन्होंने आगे लिखा है, ‘‘सपा ‘बिजली-व्रत’ करेगी और जनता का साथ देगी।”
उप्र की जनता जिस तरह बिजली संकट से जूझ रही है, उसे देखते हुए हम ये अपील करते हैं कि सपा के नेतागण, कार्यकर्ता व शुभचिंतक तब तक इन्वर्टर या जेनरेटर जैसे बिजली के वैकल्पिक साधनों का व्यक्तिगत प्रयोग न करें जब तक बिजली की बहाली न हो जाए।
सपा ‘बिजली-व्रत’ करेगी और जनता का साथ देगी।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 19, 2023
इस बीच राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी और उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने संयुक्त रूप से प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न न बनाकर तत्काल बिजली विभाग के हड़ताली कर्मचारियों से वार्ता करनी चाहिए और अतीत में जो समझौते हुये हैं उनका अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए, क्योंकि मंत्री व अधिकारी बदलते रहते हैं किंतु सरकार एक सतत व निरंतर प्रक्रिया है।
तिवारी और मिश्रा ने रविवार को जारी एक साझा बयान में यह जानकारी दी। नेता ने कहा, ‘‘यह आम चर्चा थी कि बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है इससे बिजली विभाग के कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना जागृत हुई है। हमारा सुझाव है कि बिजली विभाग का निजीकरण न किया जाए, क्योंकि जिन- जिन राज्यों में बिजली विभाग का निजीकरण हो रहा है वहां उपभोक्ताओं के लिये बिजली महंगी हो जाती है।