सिद्धार्थनगर/बस्ती/ संतकबीरनगर/गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा है कि हम सबने पहली बार अक्टूबर में अप्रत्याशित बाढ़ (Flood) को देखा है। अक्टूबर में जब फसल कटती है, रामलीलाओं का दौर चलता है तब फसलें डूब गई हैं। लोग छतों पर रहने को विवश हैं। इसके बावजूद किसी को भी घबराने या परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। आपदा कि इस घड़ी में सरकार सभी पीड़ितों के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। प्रकृति की अप्रत्याशित त्रासदी का सामना कर राहत देना सरकार की प्राथमिकता है और इसमें कहीं कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने सिद्धार्थनगर (Siddharthnagar) , बस्ती (Basti), संतकबीरनगर (Sant Kabirnagar) और गोरखपुर जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद इन जनपदों के पांच क्षेत्रों में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। हर जगह घर के अभिभावक की तरह उनका हाल जाना, दुख-दर्द साझा करते हुए उन्हें राहत सामग्री वितरित की। सीएम योगी ने आश्वस्त किया कि उन्हें तनिक भी घबराने या परेशान होने की जरूरत नहीं है। बीते साढ़े पांच साल की तरह हर संकट में सरकार उनके साथ खड़ी है। बाढ़ आपदा में हुए उनके हर नुकसान की भरपाई कर जीवन में खुशहाली लाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रहेगी।
बाढ़ पीड़ितों को दी जा रही दो तरह की किट
हवाई सर्वेक्षण, बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात और राहत सामग्री वितरित करने के दौरान जनता को आश्वस्त करते हुए कहा कि बाढ़ पीड़ितों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न और अन्य सामग्री का वितरण कराया जा रहा है। दो तरह की किट में दी जा रही राहत सामग्री किट में 10 किलो चावल, 10 किलो आटा, 2 किलो अरहर दाल, आधा किलो नमक, 250 ग्राम हल्दी, 250 ग्राम मिर्च, 250 ग्राम सब्जी मसाला, एक लीटर रिफाइंड तेल, पांच किलो लाई, दो किलो भूना चना, एक किलो गुड़, 10 पैकेट बिस्कुट, एक पैकेट माचिस, एक पैकेट मोमबत्ती, दो नहाने का साबुन शामिल है। इसके अलावा 10 किलो आलू, पांच लीटर केरोसिन, पांच लीटर क्षमता के दो जरीकेन, 15 गुणे 10 फीट की एक तारपोलीन शीट भी दी जा रही है। साथ ही पशुओं को प्रतिदिन 5 किलो चारा उपलब्ध कराने का निर्देश पशुपालन विभाग को दिया गया है।
आज जनपद संत कबीर नगर में बाढ़ प्रभावितों से संवाद कर उन्हें हर संभव सहायता के लिए आश्वस्त किया।
इस अवसर पर पीड़ितों को राहत सामग्री भी वितरित की गई।
संकट की घड़ी में डबल इंजन की भाजपा सरकार आपके साथ है। pic.twitter.com/F4DcYzuOpw
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 13, 2022
कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन-चार दिन में बाढ़ का पानी उतरेगा। इस बीच प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि अतिरिक्त नाव और स्टीमरों के साथ अतिरिक्त मैन पावर लगाकर राहत सामग्री का हर पीड़ित तक ससमय वितरण सुनिश्चित किया जाए। फसलों का समय पर सही जायजा लिया जाए ताकि अन्नदाता किसानों को क्षतिपूर्ति की धनराशि नकद भुगतान की जा सके। जिन बाढ़ प्रभावित गांवों में भोजन बनाने की व्यवस्था नहीं है, वहां पर कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की जाए। यदि ग्राम में कम्युनिटी किचन उपलब्ध नहीं हो पा रही है तो वहां पर लोगों को सुबह और रात्रि में भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए जाए। सीएम ने कहा कि आपदा में जिन लोगों ने भी अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति सरकार की पूरी संवेदना है।
आज जनपद सिद्धार्थनगर में बाढ़ प्रभावितों से मिलकर उनसे संवाद किया एवं उन्हें राहत सामग्री वितरित की।
बाढ़ का सामना कर रहे प्रत्येक नागरिक को राहत प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है और इस दिशा में भाजपा की डबल इंजन की सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ सतत कार्य कर रही है। pic.twitter.com/ecp6pHreyT
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 13, 2022
सरकार देगी भरपूर मदद
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित परिवारों को युद्ध स्तर पर राहत सामग्री वितरित करने का निर्देश प्रशासन को दिया गया है ताकि किसी को भी परेशान न होना पड़े। सीएम ने कहा कि अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि बाढ़ से जनहानि पर पीड़ित परिवार को चार लाख रुपए का मुआवजा तत्काल उपलब्ध कराया जाए। अंग भंग होने पर 60 हजार से लेकर 2.5 लाख रुपए तक की सहायता के साथ ही गंभीर रूप से घायलों को भी आर्थिक मदद दी जाएगी। बाढ़ से जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं उन्हें 1.20 लाख रुपए मुख्यमंत्री आवास योजना के तर्ज पर मकान बनाने के लिए दिए जाएंगे।
किसानों, पशुपालकों को हुए नुकसान पर सहायता राशि देगी सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाढ़ के चलते क्षतिग्रस्त पशुओं का भी सर्वे कराया जा रहा है जिन किसानों की फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं, सर्वे कराकर उन्हें हम 18 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से क्षतिपूर्ति देंगे। बारहमासी फसलों पर 22500 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता राशि दी जाएगी। इसी तरह दुधारू पशु गाय, भैंस आदि के मरने पर 37,500, बकरी, भेड़, सूअर के मरने पर 4,000, गैर दुधारू पशु ऊंट, घोड़ा आदि के मरने पर 32,000, बछड़ा, गधा, टट्टू आदि के मरने पर 20,000 रुपए की दर से पशुपालकों को सहायता राशि दी जाएगी। मुर्गी पालकों को हुई क्षति पर प्रति मुर्गी 100 रुपए की दर से सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही सरकार मत्स्य पालकों को हुए नुकसान पर भी सहायता देगी।
युद्ध स्तर पर शुरू हो स्वच्छता और सैनेटाइजेशन का अभियान
सीएम योगी ने प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अगले दो से तीन दिन में बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए स्वच्छता, सैनेटाइजेशन और छिड़काव का अभियान युद्ध स्तर पर शुरू किया जाए। दिवाली से पूर्व बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कराते हुए शुद्ध पेयजल, विद्युत आपूर्ति बहाली समेत हर व्यवस्था पुख्ता कर दी जाए।
#UPCM @myogiadityanath ने सिद्धार्थनगर, बस्ती और संतकबीर नगर के प्रभावित क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री का वितरण प्राथमिकता के साथ किया जाए और उन्हें हर संभव मदद प्रदान की जाए। pic.twitter.com/0QyH0d381Q
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) October 13, 2022
बच्चों को दुलार सीएम ने दिया प्यार और आशीर्वाद
बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात के दौरान सीएम योगी ने उनके बच्चों को खूब दुलारा। उन्हें प्यार और आशीर्वाद देते हुए चॉकलेट गिफ्ट किया। उनके गालों पर स्नेहिल थपकी दी और माथा सहलाकर आशीष दिया। इस दौरान उन्होंने कुछ बच्चों से ठिठोली भी की। एक बच्चे से पूछा कि स्कूल जाते हो या नहीं। घर मे झगड़ा तो नहीं करते, गाली तो नहीं देते। बच्चे के इनकार में सिर हिलाने पर मुख्यमंत्री भी खिलखिला पड़े।
माई, राहत सामग्री का यह किट लेती जाओगी या दिक्कत होगी
राहत सामग्री वितरण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं से आत्मीय अंदाज में उनका हाल जाना। बुजुर्ग महिलाओं से पूछा कि माई, राहत सामग्री का यह किट लेती जाओगी या दिक्कत होगी। पास में मौजूद अधिकारियों को सीएम ने निर्देशित किया कि जो लोग राहत सामग्री किट ले जाने में असमर्थ हों, उनके घर तक सामग्री पहुंचाने की व्यवस्था की जाए।
सीएम ने सरयू नदी पर तटबंध का प्रस्ताव स्वीकृत किया
गोरखपुर के बड़हलगंज में बाढ़ पीड़ितों के बीच मौजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सांसद कमलेश पासवान और विधायक राजेश त्रिपाठी की तरफ से सरयू नदी पर बैरिया-सरिया तटबंध बनाने के दिए गए प्रस्ताव को स्वीकृत करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरयू और राप्ती के संगम क्षेत्र को बाढ़ विभिषिका से बचाने के लिए सरकार कार्ययोजना बनाएगी। इसके लिए वह खुद पूर्व में भी हवाई सर्वेक्षण कर चुके हैं। आसन्न बरसात के बाद एक बार फिर सर्वे कराकर आगामी वर्षों में बाढ़ त्रासदी से बचाव की मुकम्मल रूपरेखा तैयार की जाएगी।
प्रतिवर्ष बाढ़ से प्रभावित होने वाले लोगों को अन्यत्र बसाने की बने कार्ययोजना
संतकबीरनगर में बाढ़ पीड़ितों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धनघटा तहसील क्षेत्र में नदी तटबंध के उस पार रहने वाले लोगों को हर साल बाढ़ आपदा की स्थिति का सामना करने से बचाने के लिए इस पार सुरक्षित स्थान पर बसाने की कार्ययोजना बनाई जाए। प्रशासन के अधिकारी इस पर गंभीरता से विचार करें।