UP Auto Industry Hub
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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश (Industrial Investment) को बढ़ाने के लिए योगी सरकार (Yogi Government) अब उद्यमियों के लिए के बड़ी तादाद में जमीन (Land) उपलब्ध कराएगी। राज्य में औद्योगिक निवेश के लिए पहल करने वाले निवेशक (Investor) को आसानी से जमीन उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार हर जिले में जमीन की मैपिंग कराएगी। इसमें वन क्षेत्र से लेकर सड़क और ग्राम सभा की जमीन तक शामिल की जाएगी। ताकि निवेशकों को उद्यम की स्थापना के लिए जमीन मुहैया कराई जा सके। यहीं नहीं प्रधानमंत्री गति शक्ति अभियान के तहत बने पोर्टल (Portal) में इन सबका डेटा लोड किया जाएगा।

    प्रदेश सरकार का कहना है कि इस कवायद के जरिए सभी विकास परियोजनाओं के लिए कार्य योजना बनाने में सुविधा होगी, साथ ही जमीन आसानी से उपलब्ध होगी। जमीन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सरकार ने तय किया है कि 10 विभाग अपनी सारी अनुमति व अनापत्ति प्रमाण पत्र देने की व्यवस्था गति शक्ति एनपी पोर्टल से लिंक करेंगे। इस पोर्टल पर प्रदेश के शहरी इलाकों में जलापूर्ति, पाइपलाइन, सीवर लाइन और ड्रेनेज के लिए मैपिंग करा कर उसकी जानकारी साझा की जाएगी।

    पर्यटक स्थलों और पुरातत्व महत्व के स्थलों की भी मैपिंग 

    प्रदेश के सभी पर्यटक स्थलों और पुरातत्व महत्व के स्थलों की भी मैपिंग कराई जाएगी। इसके साथ ही एक्सप्रेस वे, हाईवे और सड़कों की भी मैपिंग होगी। लोकनिर्माण विभाग और यूपी इंडस्टि्रयल एंड एक्सप्रेज वेज अथारिटी (यूपीडा) के साथ मिलकर एक्सप्रेस-वे, हाइवे और अन्य सड़कों की मैपिंग कर उसके आंकड़ों को अपलोड करेगा।

    यूपी में होनी है तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 

    औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक्सप्रेस-वे और हाइवे के किनारे जमीन उपलब्ध कराकर औद्योगिक निवेश की रफ्तार को बढ़ाया जा सकता है। उनके मुताबिक राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने की यह कवायद आगामी तीन जून में लखनऊ में होने वाली तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से जुड़ी है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के बड़े औद्योगिक घरानों के मुखिया हिस्सा लेंगे। इनकी मौजूदगी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में 75,000 करोड़ रुपए की लागत से शुरू होने वाली परियोजनाओं का ऐलान करेंगे।

    ODOP और MSME सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने की रणनीति पर कार्य शुरू

    गौरतलब है कि योगी सरकार ने वर्ष 2018 में इन्वेस्टर समिट किया था, जिसमें 4.68 लाख करोड़ रुपए के 1,045 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। अब मुख्यमंत्री की मंशा अगले वर्ष होने वाले इन्वेस्टर समिट में इससे दस लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव लाने की है। इसके लिए ही उन्होंने निवेशकों को आसानी से भूमि उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित किया है। इसके साथ ही सरकार ने ओडीओपी और एमएसएमई सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने की रणनीति पर कार्य शुरू कर दिया है। इन दोनों सेक्टरों में रोजगार के अवसर को बढ़ाकर सरकार राज्य को देश का प्रमुख औद्योगिक राज्य बनाना चाहती है, इस लक्ष्य को पाने के लिए नीतियों में परिर्वतन करने के साथ प्रदेश सरकार कई अहम फैसले जल्द ही लेगी।