Mukhtar Ansari, Banda jail, Samajwadi Party, Bahujan samaj party, Abbas Ansari, Nikhat Ansari
जेल में बंद मुख्तार अंसारी

Loading

नवभारत डेस्क : अपने अपराध और कारनामों से लोगों की नींद उड़ाने वाले पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी की नींद आजकल उड़ी हुयी है। वह देर रात तक जेल में जागता है और केवल खामोशी के साथ दिन-रात काटना पसंद कर रहा है। जेल के लोगों से भी कोई बात करना पसंद नहीं करता है। जो कुछ भी बोलता है, केवल कोर्ट के सामने ही बोलता है। अब तो वह न तो किसी से कोई बातचीत करना चाहता है और ना ही अपना सुख-दुख किसी से शेयर करना चाहता है। उसकी बेबसी उसे समय एक बार फिर झलकी जब वह अपने पोते से मिलकर यह कहने को मजबूर हुआ कि ‘मैं कितना बदनसीब दादा हूं, जो उसे खुशियां देने की जगह तकलीफ दे रहा हूं।’

 एक जमाना था जब उत्तर प्रदेश में बाहुबली मुख्तार अंसारी की तूती बोलती थी। सत्ता के साथ-साथ अपनी निष्ठा बदलने वाला मुख्तार अंसारी कभी बहुजन समाज पार्टी, कभी समाजवादी पार्टी तो कभी अपनी पार्टी के दम पर पूरे उत्तर प्रदेश में अपना जलवा बुलंद करता रहा। वह जेल में बंद होने के बावजूद भी जेल में तमाम तरह की सुविधा ऐसे मुहैया करा लेता था, जैसे कि वह किसी रिसॉर्ट या ऐशोआराम वाले महल में हो। उसे ऐसा करने में किसी बात की चिंता ही नहीं थी, क्योंकि सत्ता के लोगों का उसका संरक्षण था। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। अब वह जेल में एक सामान्य कैदी की तरह अपने दिन निभाते हुए जेल के दिन काट रहा है।

Mukhtar Ansari, Banda jail, Samajwadi Party, Bahujan samaj party, Abbas Ansari, Nikhat Ansari
मुख्तार अंसारी से मिलने पहुंची बहू निखत

बहू व नाती को देखकर छलका दर्द
कोर्ट के निर्देश पर पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की पत्नी निखत मंगलवार की सुबह करीब साढ़े 10 बजे मंडल कारागार पहुंची तो थोड़ी देर में उसके अधिवक्ता भी आ गए। इसके बाद वह करीब 11 बजे जेल के अंदर गई और अपने ससुर मुख्तार अंसारी से मिलकर वह दोपहर बाद 2 बजकर 15 मिनट पर बाहर निकली। बाहर निकलने के बाद मुख्तार की बहू निखत ने मीडिया से बात नहीं की। केवल अपनी धीमी आवाज में बस इतना कहा कि यहां कुछ भी बोलना अपराध है। मुलाकात के दौरान बहू निखत और पौत्र अजहर को देखकर मुख्तार ने पूछा कि आप लोग ठीक हैं। उन्हें चित्रकूट जेल में ज्यादा तकलीफ तो नहीं हुई। 

इसके साथ ही वह पौत्र का चुंबन लेते हुए बोला, ”मैं बदनसीब दादा हूं, उसे खुशियां देने की जगह तकलीफ दे रहा हूं। बाद में बहू से कहा कि सब ठीक हो जाएगा, अल्लाह को शायद यही मंजूर है।”

दोनों की इस मुलाकात के दौरान लोकल इंटेलिजेंस के साथ-साथ जिला प्रशासन के अफसर मौजूद रहे। दोनों की मुलाकात के पल को सीसीटीवी कैमरों में कैद किया। 

इसलिए बढ़ी है मुख्तार की बेचैनी
जेल से मिली जानकारी में कहा जा रहा है कि वह अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों में फैसले की तारीख नजदीक आने से बेचैन है। वह इसी टेंशन में रहता है। वह जेल में किसी से बातचीत भी नहीं करता है। केवल वह दिन में टहल कर और रात में लेट कर करवटें बदलता रहता है। जेल सूत्रों ने बताया कि वह आजकल सुबह 5 बजे सोता है और दिन में 11 बजे के बाद जागता है।

बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के बारे में जेल सूत्रों से मिली जानकारी में बताया जा रहा है इस तन्हाई बैरक में रखा गया है। वह अपने मुकदमों पर आने वाले फैसले को लेकर चिंतित है। एक तरफ उसे फैसले की चिंता सता रही है, तो वहीं दूसरी तरफ उसे अपने परिवार और आगे आने वाली पीढ़ी के बारे में तमाम तरह की आशंकाएं सोने नहीं दे रही है। वह दिन भर बेचैनी से काटता है और रात करवट बदल बदल के बिता रहा है।  वह जेल में अब किसी चीज के डिमांड भी नहीं करता है। केवल एक सामान्य कैदी की तरह जेल में चिंतित मुद्रा में देखा जाता है।

Mukhtar Ansari, Banda jail, Samajwadi Party, Bahujan samaj party, Abbas Ansari, Nikhat Ansari
पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो)

पहले होता था जेल में जलवा 
 आपको याद होगा कि जब वह जेल में बंद रहता था तो भी वहां जेल के लोग उसकी सुख सुविधाओं का ध्यान रखते थे। ऐसा भी कहा जाता है कि वह जेल में ताजा मांस और मछली खाने के लिए एक तालाब खुदवा दिया था और जेल के लोगों को अपने हिसाब से ऑपरेट करता था। लेकिन परिस्थितियां बदलीं तो उसका सारा भौकाल ही खत्म हो गया।

 आपको बता दें कि पंजाब की रोपड़ जेल से अप्रैल 2021 में मुख्तार अंसारी को बांदा जिले की जेल में शिफ्ट किया गया। इसके बाद से मुख्तार अंसारी इसी जेल में बंद है। उसे कई बार दूसरे जिले की कड़ी सुरक्षा के बीच पेशी पर ले जाया गया, लेकिन अब वह पेशी  पर जाने से इनकार करता है। उसे अक्सर किसी अनहोनी का डर सताता रहता है। इसीलिए वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी की अक्सर गुहार लगाता है। उसके खिलाफ दर्ज मुकदमों में कई फैसले आने वाले हैं, जिनमें गाजीपुर, बाराबंकी और बनारस की कोर्ट में दर्ज कई मुकदमे शामिल हैं। इन मुकदमों में मिलने वाली सजा के डर से उसे काफी टेंशन हो रही है और वह तनाव में दिन और रातें काट रहा है।

क्या बोल रहे बांदा जेल के जेलर 
बांदा के जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया कि अगले कुछ दिनों में गाजीपुर, बाराबंकी और बनारस कोर्ट में चल रहे मामलों में फैसला आने की उम्मीद है, जिसको लेकर वह थोड़ा परेशान सा दिख रहा है। कोर्ट के आदेश के बाद उसकी पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कराई जा रही है। इन दिनों वह मुकदमे को लेकर परेशान सा दिख रहा है। उसकी दिनचर्या भी बदल गई है। अब वह सुबह 5 बजे सोता है और दिन में 11 बजे जागता है। इसके बाद दिनचर्या के बाद वह दिनभर वह केवल टहलकर और रात करवटें बदलकर काट रहा है। 

ये है मुख्तार का राजनैतिक इतिहास
आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी देश का माफिया-डॉन और उत्तर प्रदेश का एक पूर्व राजनेता हैं। मुख्तार अंसारी मऊ निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य के रूप में रिकॉर्ड पांच बार विधायक चुना गया था। वह अन्य अपराधों सहित कृष्णानंद राय हत्या के मामले में मुख्य आरोपी था, लेकिन अंसारी को अभी तक दोषी नहीं ठहराया गया है। मुख्तार अंसारी ने बहुजन समाज पार्टी के एक उम्मीदवार के रूप में अपना पहला विधानसभा चुनाव 1996 में जीता था। फिर अगले दो चुनाव वह स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ा। फिर 2002 व 2007 में विधानसभा में जा पहुंचा। फिक मुख्तार अंसारी बसपा में शामिल हो गए और 2009 के लोकसभा चुनाव में चुनाव लड़ा लेकिन असफलता मिली। जिसके बाद बसपा ने 2010 में उन्हें आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया तो उसने अपने भाइयों के साथ अपनी पार्टी बनायी और उसका नाम कौमी एकता दल रखा। फिर वह अपना पार्टी से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2012 में मऊ सीट से विधायक चुना गया। इसके बाद 2017 में बसपा के साथ कौमी एकता दल का विलय हो गया और मुख्तार बसपा उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव में पांचवीं वार विधायक बना।