Satish Mahana

Loading

-राजेश मिश्र

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना का विधानसभा अध्यक्ष (Satish Mahana) के रूप में एक साल का कार्यकाल पूरा हुआ। इन एक साल में अध्यक्ष महाना ने जहां कई एतिहासिक आयाम स्थापित तो कुछ को जल्द ही पूरा करने की कवायद में लगे हैं। अपने एक साल के कार्यकाल के पूरा होने पर शुक्रवार को पत्रकारों से रूबरू हुए महाना ने बताया कि वह इस वर्ष के अंत तक एक नयी नियमावली लाने जा रहे हैं जो आज की स्थिति के अनुरूप होगी। 1958 की बनी नियमावली और आज की नियमावली में काफी अन्तर होगा।

विधानसभा के सदस्यों की योग्यता को लेकर उनका कहना था कि इस बार की विधानसभा ( UP Assembly) में बड़ी संख्या में सदस्य अच्छी शैक्षणिक योग्यता लेकर आए हैं। उनकी इस शिक्षा का उपयोग सरकारी कामकाज में कैसे हो इसका प्लान किया गया है। उदाहरण के तौर पर उनका कहना था कि ऐसे सदस्य जो डाक्टर की डिग्री रखते हैं उनका एक ग्रुप बनाकर स्वस्थ्य महकमे के मंत्री वह अफसरों के साथ चर्चा कर अपने अनुभव के आधार पर सलाह देंगे। 

ताकि आमजन को विधायिका की शक्तियों की जानकारी हो सके

उन्होंने बताया कि विधायिका में मैनेजमेंट कैसे हो इस पर चर्चा के लिए मैनेजमेंट में योग्यता रखने वाले लोगों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए आईआईएम के लोगों से संपर्क किया जाएगा जो इसी वर्ष से शुरू होगा। उनका कहना था कि पहले जहां यूपी विधानसभा की पहचान जाति आधारित रही, वहीं अब इसको योग्यता के आधार पर पहचाना जाता है। विधानसभा में कोर्ट लगाकर पुलिस कर्मियों को दण्डित करना इसी वर्ष हुआ ताकि आमजन को विधायिका की शक्तियों की जानकारी हो सके।

एक वर्ष के कार्यकाल का संक्षिप्त विवरण

  • उत्तर प्रदेश की वर्तमान अट्ठारहवीं विधान सभा का गठन दिनांक 11 मार्च, 2022 को हुआ। 29 मार्च, 2022 को विधानसभा के अध्यक्ष पद का निर्वाचन सम्पन्न हुआ। विधान सभा के वरिष्ठ सदस्य और लगातार आठ बार निर्वाचित सतीश महाना को सर्वसम्मति से विधानसभा के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए।
  • 29 मार्च, 2023 को सतीश महाना ने विधानसभा अध्यक्ष के रुप में सफलता पूर्वक एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण किया है। एक वर्ष की इस अवधि में महाना ने विधानसभा अध्यक्ष के रूप में एक विशिष्ट छवि निर्मित की है और ऐसे ऐतिहासिक आयाम स्थापित किए हैं जिसकी प्रशंसा देश की समस्त विधान मंडलों में हो रही है।  
  • सतीश महाना का संसदीय जीवन में दीर्घ अनुभव है। वर्तमान में महाना आठवीं बार कानुपर नगर से निर्वाचित हुए हैं। एक गंभीर और संवेदनशील सदस्य के रुप में महाना ने संसदीय परम्पराओं का पालन करते हुए सारगर्भित चार्चाओं तथा अमूल्य सुझावों से अपनी राजनीतिक प्रतिभा और क्षमता का परिचय दिया है। अपने दल के विभिन्न मह्त्वपूर्ण पदों पर कार्य करने के साथ-साथ महाना का विधानसभा की समितियों के सदस्य और सभापति तथा एक सफल मंत्री के रूप में अग्रणी योगदान रहा है। 
  • उत्तर प्रदेश जैसी वृहद विधानसभा के अध्यक्ष का पद चुनौतीपूर्ण है। 403 सदस्यों की यह विधानसभा विभिन्न सामाजिक वर्गों का प्रतिनिधित्व करती हैं। एक अध्यक्ष के रूप में कुशलता पूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने निष्पक्षता और न्यायपूर्ण ढंग से सदन का संचालन किया और सम्पूर्ण सदन का विश्वास और सम्मान प्राप्त किया है। उन्होंने अपने एक वर्ष के प्रारम्भिक कार्यकाल में विधानसभा में आमूल-चूल परिवर्तन करके विधानसभा की प्रक्रिया और परम्पराओं के क्षेत्र में नवाचार कर उल्लेखनीय आयाम निर्धारित किये हैं।  
  • भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर देश के समस्त राज्यों की विधानसभाओं में ई-विधान व्यवस्था लागू किए जाने की योजना फलीभूत करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के दिशा-निर्देश और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी की प्रेरणा से लगभग डेढ़ माह के अत्यन्त अल्प समय में उत्तर प्रदेश जैसी वृहद विधानसभा में ई-विधान व्यवस्था लागू की गई, जिसका शुभारम्भ लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा किया गया। विधायिका को पेपरलेस किए जाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। 
  • उत्तर प्रदेश की अट्ठारहवीं विधान सभा का प्रथम बजट सत्र दिनांक 23 मई, 2022 से ई-विधान प्रणाली से संचालित हुआ। ई-विधान योजना के अन्तर्गत सभी सदस्यों के पटल पर टच स्क्रीन डिवाइस स्थापित कराई गई जिससे सभी सदस्यों को सदन की कार्यसूची, सूचनाएं, प्रश्न-उत्तर, समस्त समितियों के प्रतिवेदन इत्यादि डिजिटल माध्यम से प्राप्त हो सकें। इसके अतिरिक्त सभी प्रश्न शासन के विभागों को आनलाइन प्रेषित किए गए और उत्तर आनलाइन प्राप्त किए गए। इस प्रकार अट्ठारहवीं विधान सभा का बजट सत्र और मानसून सत्र में ई-विधान एप्लीकेशन प्रक्रिया का पूर्ण पालन करते हुए विधानसभा संचालित की गई।
  • प्रश्नों की ऑनलाइन प्रक्रिया में प्रश्न की सूचना सप्ताह में सातों दिन चैबीस घंटे (24 ग7) लिए जाने की व्यवस्था की गई है जो पहले नहीं थी।
  • एक वर्ष के कार्यकाल में 4 सत्र सम्पन्न हुए जिनमें मात्र छत्तीस मिनट का ही व्यवधान रहा।
  • सदन की कार्यवाही देर रात 12.00 बजे और उसके उपरान्त तक सम्पन्न हुई। कम उपवेशन होने के बाद भी सदन में जनहित के विषयों पर अधिक से अधिक चर्चा हो सकी और सारे कार्य सुचारू रूप से सम्पन्न हुए।
  • सभी सत्रों में बहुधा 20 तारांकित प्रश्न लिए गए जिससे जनहित के मुद्दों पर सार्थक बहस हुई। 
  • असरकारी कार्य दिवसों में भी संकल्प और विधेयकों को कार्य-सूची में रखकर सदन में लिए गए।
  • विधानसभा के सौन्दर्यीकरण और अन्य अवस्थापना सुविधाओं में अध्यक्ष द्वारा एक वर्ष के कार्यकाल में वृहद् कार्य कराये गए। सतीश महाना की दूरदर्शी सोच और मार्गदर्शन में अध्यक्ष दीर्घा को नए एवं आकर्षक रूप में स्वतंत्रता सेनानियों, शिक्षाविदों तथा वास्तुविदों के चित्रों सहित सुसज्जित करके सौन्दर्यीकरण किया गया।  
  • विधानसभा के सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही देखने के लिए छात्र-छात्राओं व्यापारियों एवं शिक्षाविदों के कई दलों ने विधानसभा का भ्रमण किया। विधानसभा की कार्यवाही प्रदेश की जनता देख सकें, इसके लिए दूरदर्शन के साथ यू-ट्यूब पर भी प्रसारण की व्यवस्था की गई।
  • विधानसभा अध्यक्ष के मार्गदर्शन में विधानसभा की सुरक्षा व्यवस्था में भी महत्वपूर्ण और आधुनिक परिवर्तन किए गए। इसके साथ ही विधानसभा के प्रवेश पत्रों को निर्गत करने में भी आधुनिक व्यवस्थाएं लागू की गयीं। 
  • अध्यक्ष सतीश महाना के कार्यकाल की इस अवधि में विशेषाधिकार से सम्बंधित एक महत्वपूर्ण प्रकरण का निष्पादन किया गया। तत्कालीन विधानसभा सदस्य सलिल विश्नोई द्वारा कानपुर नगर के कतिपय पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के विरूद्ध विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना का प्रकरण वर्ष 2005 से लंबित चला आ रहा था जिस पर अध्यक्ष द्वारा निर्णय देते हुए दोषी अधिकारियों एवं कर्मियों को एक दिन के कारावास का दंड दिया गया। केशव सिंह प्रकरण के पश्चात यह दूसरा अवसर था जिसमें अध्यक्ष विधानसभा द्वारा सदन की गरिमा को सर्वोपरि मानते हुए दोषियों को कारावास का दंड दिया गया।
  •  विधान भवन प्रेसरूम के नवीनीकरण के लिए एक बड़ी स्क्रीन टेलीविजन, दो कम्प्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर आदि स्थापित किए गए। भविष्य में प्रेस रूम को सुसज्जित किये जाने की योजना है।