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  • सपा सरकार अपने दायित्व से 'सरक कर' जनता पर बोझ बन गयी थी
  • कर्फ्यू की जगह कांवड़ यात्रा बदले हुए प्रदेश की तस्वीर है : योगी आदित्यनाथ
  • लखनऊ केवल स्मार्ट सिटी नहीं बन रही, लखनऊ का युवा भी स्मार्ट बन रहा

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लखनऊ : मुख्यमंत्री (Chief Minister) योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि 2017 में प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी  (Narendra Modi) के आवाहन पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को एक दंगामुक्त, भयमुक्त और अराजकता से मुक्त ऐसा राज्य मिला जिसमें 25 करोड़ जनता को सुरक्षा (Security) की पूरी गारंटी है।  मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती सपा सरकार पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की सोच विकास की नहीं है। विकास उनके एजेंडे का हिस्सा नहीं है।

वहीं भाजपा की सरकार ने विकास की योजनाओं को बिना किसी भेदभाव के समाज के हर हिस्से, हर तबके और हर व्यक्ति को पहुंचाने का प्रयास किया। सरकार की सोच प्रदेश के विकास को उन्नति की ओर या फिर प्रदेश को अवनति की ओर ले जाने का कारक होती है। पांच वर्ष में आज प्रदेश नंबर दो की अर्थव्यवस्था बन गया है जो  पिछले साठ-सत्तर सालों में सातवीं-आठवीं अर्थव्यवस्था बन के रह गया था। 

मुख्यमंत्री  शनिवार को लखनऊ पश्चिम विधान सभा के बुद्धेश्वर चौराहा क्षेत्र में जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में क्या स्थिति थी ये किसी से छुपी हुई नहीं है। प्रदेश में हर तीसरे दिन एक दंगा होता था, अराजकता थी, प्रदेश का व्यापारी पलायन करने पर मजबूर था, नौजवानों से रोजगार छीना जा रहा था, पर्व और त्यौहार शांतिपूर्ण ढंग से नहीं मनाए जा रहे थे। सपा सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में बिजली देने में भी जाति और मजहब देखा जाता था। आज प्रदेश की स्थिति बदल चुकी है। मुख्यमंत्री बोले प्रदेश में आज कर्फ्यू नहीं लगता, बमबाजी नहीं होती। कर्फ्यू की जगह कांवड़ यात्रा ने ले ली है और हर-हर बम बम के साथ कांवड़ यात्रा निकलती है। ये बदले हुए प्रदेश की तस्वीर है और इसे करने में भाजपा सरकार को सफलता इसलिए प्राप्त हुई क्योंकि हमारी नीयत साफ थी, सोच स्पष्ट थी। 

लाखों हस्तशिल्पी और कारीगर आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हुए

भाजपा और पूर्व की सपा सरकार के बीच का फर्क बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश के अंदर सिर्फ सैफई महोत्सव मनाया जाता था। वहीं बदले हुए उत्तर प्रदेश में जो महोत्सव आयोजित होते हैं वो प्रदेश को एक नई पहचान दिलाते हैं। लखनऊ में अब उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस का आयोजन किया जाता है। 24 जनवरी 1950 में उत्तर प्रदेश अस्तित्व में आया था और 2017 में सरकार आने के बाद उत्तर प्रदेश महोत्सव के आयोजन होते हैं जिसमें एक जनपद एक उत्पाद योजना को लांच किया । ओडीओपी के तहत प्रदेश में 60 लाख नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना को भी उनकी सरकार में प्रारंभ किया गया जिससे लाखों हस्तशिल्पी और कारीगर आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हुए हैं। 

मुख्यमंत्री ने एक बार फिर से समाजवादी पार्टी की पूर्व सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार पहले भी थी, पर वो सरकार (अपने दायित्व से) ‘सरक कर’ के प्रदेशवासियों के लिए एक बोझ बन गई थी। सुरक्षा के लिए खतरा बन गई थी। दंगा करवाती थी। उन्होंने लखनऊ की जनता से सवाल करते हुए कहा कि अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण को कौन आगे लेकर गया। यह काम सपा, बसपा और कांग्रेस कर सकती थी क्या? क्योंकि रामभक्तों पर गोली चलाने वाले या राम मंदिर में ताला लगाने वाले कभी राम मंदिर का निर्माण नहीं कर सकते थे। 

प्रदेश में आतंक का माहौल पैदा कर रहे होते

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कल अहमदाबाद के एक न्यायालय में सीरीयल ब्लास्ट के जिम्मेदार 38 आतंकवादियों को सजा दी है, फांसी की सजा दी गई। कुछ को आजीवन कारावास की सजा दी गई। इनमें कुछ आतंकी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं, उनमें आजमगढ़ से एक आतंकी का परिवार समाजवादी पार्टी का प्रचार कर रहा है। ये समाजवादी पार्टी का वास्तविक चरित्र है। उन्होंने कहा कि याद करिए जब 2013 में समाजवादी पार्टी ने प्रदेश में घोषित आतंकियों के मुकदमों को वापस लेने की अगर न्यायालय स्थगन का आदेश ना देती तो ये सभी आतंकी पूरे प्रदेश में जगह-जगह विस्फोट कर के प्रदेश में आतंक का माहौल पैदा कर रहे होते। 

लखनऊ का युवा भी स्मार्ट बन रहा

सपा पर वार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये वही प्रदेश है जहां युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता था। कोई भी नौकरी निकलती थी तो सत्ता दल से चाचा-भतीजा और सारे के सारे रिश्ते एक साथ अवैध वसूली के लिए निकल पड़ते थे। युवाओं को अब पारदर्शी तरीके से नौकरी मिल रही है। प्रदेश के एक करोड़ युवाओं को हम टैबलट और स्मार्ट फोन बांट रहे । अकेले लखनऊ में 37 हजार से ज्यादा युवाओं को टैबलट-स्मार्टफोन मिल चुका है लेकिन सपा ने चुनाव आयोग को इसकी भी शिकायत की है। हमने तय किया है 10 मार्च को सरकार बनने के बाद 2 करोड़ बाटेंगें। डिजिटल एक्सेस का खर्चा मां-बाप पर नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि लखनऊ केवल स्मार्ट सिटी नहीं बन रही है लखनऊ का युवा भी स्मार्ट बन रहा।