लखनऊ: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले (Lakhimpur Violence) में नया खुलासा हुआ है। मामले की फोरेंसिक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि घटना के दौरान हुई फायरिंग केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र (Ashish Mishra) के बंदूक से चलाई गई थी। बैलिस्टिक रिपोर्ट में गोली लगने की पुष्टि की गई। जिससे यह साफ हो गया की हिंसा के दौरान हथियारों से गोली चलाई गई थी।
दरअसल इस मामले में किसानों ने बीजेपी नेताओं पर गोलियां चलाने आरोप लगाया था। जिसके बाद लखिमपुर पुलिस ने आशीष मिश्रा की राइफल और रिवॉल्वर को और उसके दोस्त अंकित दास की की रिपीटर गन, पिस्टल कब्जे में ले लिया था और चारों हथियारों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था। बता दें कि दोनों आरोपी फ़िलहाल जेल में है।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए सख्त टिप्पणी की और कहा था कि लखीमपुर हिंसा मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच की निगरानी के लिए यूपी सरकार के बनाए गए न्यायिक आयोग पर उसे भरोसा नहीं है। न्यायालय ने एसआईटी जांच की स्टेटस रिपोर्ट पर भी गहरी नाराजगी जताई। वहीं न्यायालय ने कहा था, जांच में स्वतंत्रता और निष्पक्षता के लिए निगरानी दूसरे राज्य के हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जाए। मामले पर अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी।
क्या है पूरा मामला
बीते 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य दौरे का लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में किसानों का एक गुट विरोध कर रहा था। जहां कुछ वाहनों ने विरोध कर रहे किसानों को कुचल दिया। जिसमें चार किसानों की मौके पर मौत हो गई थी । जिसके बाद किसानों ने चार अन्य लोगों को पीट पीट कर मार डाला था। इसमें दो बीजेपी कार्यकर्ता, एक ड्राइवर और एक पत्रकार की मौत हो गई थी।