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    लखनऊ: कोरोना काल (Corona Period) के बाद उत्‍तर प्रदेश सरकार के छठवां बजट (Budget) में चिकित्‍सा (Medical) और स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं (Health Facilities) में इजाफा करते हुए प्रदेशवासियों की सेहत का खास ख्‍याल रखा गया है। कोरोना मैनेजमेंट में नंबर वन होने के बावजूद भी योगी सरकार ने स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं पर विशेष ध्‍यान देते हुए बजट में हेल्‍थ सेक्‍टर (Health Sector) को ढेर सार सौगात दी है। उत्‍तर प्रदेश सरकार का ऐतिहासिक पेपरलेस बजट वित्‍त मंत्री सुरेश खन्‍ना ने गुरूवार को पेश किया। यूपी में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं को बढ़ावा देते हुए बजट में स्‍वास्‍थ्य महकमें के विकास की झलक दिखाई दी। वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट ने हेल्‍थ सेक्‍टर को ढेर सारी सौगातें दी हैं।

     वित्‍त मंत्री सुरेश खन्‍ना ने बजट को प्रस्‍तुत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को ‘आत्मनिर्भर भारत’ का मंत्र दिया है, जिसका परम उद्देश्य भारत देश को हर क्षेत्र में चाहे वह मैन्यूफैक्चरिंग हो, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स हो उद्योग-धन्धे हों शिक्षा स्वास्थ्य या कृषि हो आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार ने उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर प्रदेश के रूप में विकसित किए जाने का विजन दिया। हम इस दिशा में दृढ़ इच्छाशक्ति और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आत्मनिर्भरता एक स्वस्थ विकसित और सशक्त समाज का प्रधान लक्षण है।

    अलग-अलग योजनाओं के लिए धनराशि प्रस्तावित

    उन्‍होंने कहा कि चिकित्सा और स्वास्थ्य प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को बेहतर चिकित्सा सुविधा सुलभ कराने की दिशा में हमारी सरकार द्वारा निरन्तर कार्य किया जा रहा है। विभिन्न वायरस जनित संक्रामक रोगों पर नियंत्रण और उपचार की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि रिकॉर्ड समय में की गई है। योगी सरकार 2.0 के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा का विशेष ख्‍याल रखा गया है। जिसके तहत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में अलग-अलग योजनाओं के लिए धनराशि प्रस्तावित की गई है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए 10,547 करोड़ 42 लाख रुपए, प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के लिए 620 करोड़ रुपए, आयुष्मान भारत योजना के तहत 560 करोड़ रुपए, आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 250 करोड़ रुपए, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लिए 320 करोड़ 7 लाख रुपए की धन‍राशि प्रस्तावित की गई है। पन्द्रहवें वित्त आयोग की संस्तुतियों के अधीन विभिन्न योजनाओं के लिए 2,908 करोड़ रुपए, राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के लिए 100 करोड़ रुपए की धन‍राशि प्रस्‍तावित की गई है।

    आशा कार्यकत्री और शहरी आशा संगिनियों के लिए बजट में 300 करोड़ की व्यवस्था

    योगी सरकार 2.0 के पहले बजट में आशा कार्यकत्री और शहरी आशा संगिनियों के लिए बजट में 300 करोड़ रुपए व्यवस्था की गई है। प्रदेश में 9 से 14 वर्ष तक की एक लाख बालिकाओं को एचपीवी वैक्सीन की दोनों खुराक से कवर किए जाने के लिए 50 करोड़ रुपए की धनराशि को प्रस्तावित किया गया है। राज्य औषधि नियंत्रण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए खाद्य औषधि प्रयोगशालाओं और मंडलीय कार्यालयों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित की गई है। इसके साथ ही बेहतर हेल्‍थ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के लिए प्रदेश के सीमावर्ती और अन्य क्षेत्रों में सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालयों की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित की गई है।

    नए मेडिकल कॉलेजों के लिए 2,100 करोड़ रुपए का प्रावधान

    योगी सरकार प्रदेश के सभी जनपदों में कम से कम एक मेडिकल कालेज स्थापित करने का कार्य तेजी से कर रही है। प्रदेश में 65 मेडिकल कॉलेज संचालित, वर्तमान में 45 जनपद मेडिकल कॉलेज की सुविधा से लाभांवित और 14 जनपदों मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं। प्रदेश के 16 आसेवित जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश के 14 जनपदों में नए मेडिकल कॉलेजों के लिए 2,100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। योगी सरकार 2.0 के लोक कल्याण संकल्प-पत्र 2022 के तहत एमबीबीएस और पीजी पाठ्यक्रमों में सीटों में वृद्धि के लिए 500 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित किया गया है। स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालन के लिए 50 करोड़, नर्सिंग कॉलेज की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपए, लखनऊ में बन रहे अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 100 करोड़ 45 लाख रुपए की धनराशि प्रस्तावित है।

    कैशलेस चिकित्सा योजना के लिए 50 करोड़ रुपए  प्रस्‍तावित

    पंडित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के लिए 50 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित की गई है। प्रदेश की निर्धन आबादी को असाध्य रोगों की चिकित्सा सुविधा मुहैया कराए जाने के लिए 100 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित की गई है। इसके साथ ही गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 113 करोड़ 52 लाख रुपए की धनराशि प्रस्तावित की गई है।