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    लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप (Startup) को बढ़ावा देने के लिए चरणबद्ध तरीके से योजना को अमलीजामा पहना रहे हैं। सेक्टरवाइज स्टार्टअप (Sector Wise Startup) के प्रमोशन के लिए उत्तर प्रदेश के पांच बड़े विभागों उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कृषि शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योग में इंक्यूबेटर्स की स्थापना की जा रही है। इससे इन क्षेत्रों में नए स्टार्टअप (New Startup) को बढ़ावा मिलेगा। जिससे यूपी में स्टार्टअप के माध्यम से निवेश और रोजगार की गाड़ी सरपट दौड़ेगी। 

    सरकार की ओर से स्टार्टअप के लिए एक हजार करोड़ रुपए निधि का कोष बनाया गया है। स्टार्टअप नीति के तहत प्रदेश में 10 विश्वविद्यालयों, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों और एकेटीयू के घटक संस्‍थानों में 15 इनक्यूबेटर्स स्‍थापित किए गए हैं। एक इनोवेशन हब की भी स्‍थापना की गई है, जो नवाचार के प्रोत्साहन के लिए 200 से अधिक स्टार्टअप्स को सहयोग कर रहे हैं। एसजीपीजीआई लखनऊ में आठ स्टार्टअप पर काम किया जा रहा है। इसमें तीन स्टार्टअप एसजीपीजीआई के हैं। एसजीपीजीआई में मेडिकल और इंजीनियरिंग को जोड़कर उपकरण बन रहे हैं। 

    68 सौ से 10 हजार स्टार्टअप करने का लक्ष्य

    यूपी में मौजूदा वक्त में 6,850 से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत हैं, सरकार ने करीब तीन करोड़ के स्टार्टअप प्रोत्साहन स्वीकृत किए हैं। सरकार का लक्ष्य इन्हें बढ़ाकर 10 हजार स्टार्टअप करने का है। 20 जिलों में 52 इंक्यूबेटर्स कार्य कर रहे हैं। स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में कम से कम एक इंक्यूबेटर स्थापित होंगे, जो स्टार्टअप को सहयोग देंगे। सरकार की ओर से स्टार्टअप नीति भी जल्द संशोधित की जाएगी। 

    लखनऊ में होगा देश का सबसे बड़ा इंक्यूबेटर

    दो उत्कृष्टता केंद्र (एसजीपीजीआई लखनऊ और आईआईटी कानपुर) स्थापित हैं और तीसरा ड्रोन उत्कृष्टता केंद्र के रूप में आईआईटी कानपुर में विकसित किया जा रहा है। देश का सबसे बड़ा इंक्यूबेटर लखनऊ में बनाया जाना प्रस्तावित है।