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लखनऊ. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने गुरुवार को गन्ने (Sugarcane) के लिए राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) 20 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया। इस घोषणा से किसानों में नाराजगी है। इसके विरोध में किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने 26 जनवरी को देश भर में ब्लॉक व तहसील स्तर पर ट्रैक्टर परेड निकलने और 16 फरवरी को भारत बंद का ऐलान कर दिया है।

परेड मैदान में आयोजित भारतीय किसान यूनियन के चार दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन किसान महाकुंभ के अंतिम दिन गुरुवार को किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा घोषित गन्ने का मूल्य काफी नहीं है। गन्ने के लिए राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) 20 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ने से किसानों में रोष है। प्रदेश का किसान 400 रुपये से अधिक गन्ना मूल्य घोषित होने की आशा कर रहा था, क्योंकि खेती पर प्रतिदिन खर्च बढ़ता जा रहा है। इसके अनुपात में किसान को फसल का वाजिब दाम नहीं मिल रहा है।

टिकैत ने कहा कि हम सभी को मिलकर अपने जनपदों के अंतर्गत आने वाली ग्राम इकाई को मजबूत करना होगा। संगठन में युवा इकाई का कार्य समस्याओं के लिए ज्ञापन देना नहीं है। वह वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मिलकर कार्य करें। टिकैत ने कहा कि जैसे हमने किसान आंदोलन में ट्रैक्टर परेड निकाली थी वैसे ही हम 26 जनवरी को देश भर में ब्लॉक व तहसील स्तर पर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे। देश का किसान 16 फरवरी को भारत बंद के साथ-साथ खेती किसानी के सभी कार्य भी एक दिन नहीं करेगा।

दिल्ली में 14 मार्च को किसान महापंचायत 

टिकैत ने लंबित सभी मांगों को लेकर 15 मार्च को दिल्ली में एक दिवसीय किसान महापंचायत का भी ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन लंबित चल रही अपनी सभी मांगों को लेकर देश दिल्ली में 14 मार्च को एक दिवसीय किसान महापंचायत का आयोजन करेगा। इसमें देशभर के किसान शामिल होंगे।

450 रुपये प्रति क्विंटल करें गन्ने का दाम

वहीं, मुजफ्फरनगर के पास सिसौली में भारतीय किसान यूनियन मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि गन्ना मूल्य की घोषणा किसानों के लिए स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि बढ़ोतरी अपर्याप्त है और राज्य में उपज की लागत बढ़ गई है। उन्होंने राज्य सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है और मांग की है कि गन्ने के लिए 450 रुपये प्रति क्विंटल की दर तय की जाए। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य हरियाणा और पंजाब में गन्ने की कीमत उत्तर प्रदेश से ज्यादा है।

2017 में गन्ने की कीमत 315 रुपये थी

गन्ने के दाम में 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी का निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद बैठक में लिया गया। चीनी उद्योग और गन्ना विकास विभाग के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि गन्ने के दाम में 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। अगेती किस्म की कीमत अब 370 रुपये प्रति क्विंटल होगी जबकि सामान्य किस्म का दाम 360 रुपये होगा। अब तक गन्ने की अगेती किस्म का खरीद मूल्य 350 रुपये प्रति क्विंटल और सामान्य किस्म का खरीद मूल्य 340 रुपये प्रति क्विंटल था। उन्होंने कहा कि पिछले छह साल में योगी आदित्यनाथ सरकार ने गन्ना मूल्य में 55 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। 2017 में गन्ने की कीमत 315 रुपये प्रति क्विंटल थी।

UP के 42 लाख परिवार करते हैं गन्ने की खेती

चौधरी ने कहा कि पिछली सरकार में राज्य में चीनी मिलें बंद होने के कगार पर थीं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 42 लाख परिवार हैं जो गन्ने की खेती करते हैं और 45 लाख मजदूर इस काम में लगे हैं। 2022 के राज्य विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश सरकार ने गन्ने के एसएपी में 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की थी, जिसके बाद संशोधित कीमत बढ़कर 350 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। (एजेंसी इनपुट के साथ)