Hanumangarhi
Hanumangarhi

Loading

मुकेश श्रीवास्तव

अयोध्या: अयोध्या (Ayodhya) के हनुमानगढ़ी (Hanumangarhi) मंदिर में अब दर्शन और परिक्रमा करना आसान हो जाएगा। राम मंदिर निर्माण के साथ श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़ा ने इस योजना पर मुहर लगा दी है। बुजुर्ग भक्त भी हनुमानगढ़ी में दर्शन की साध पूरी कर सकें, इसके लिए लिफ्ट (Lift) भी लगाई जाएगी।

रामजन्मभूमि पथ से जोड़ दिया जाएगा हनुमानगढ़ी का निकास मार्ग
हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत प्रेमदास के अनुसार अयोध्या में बढ़ते श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर सिद्ध पीठ हनुमान गढ़ी मंदिर में भक्तों के लिए सुविधा बढ़ाई जाएगी। इसके हनुमान गढ़ी मंदिर के प्रवेश मार्ग पर बने सीढ़ियों से लेकर आंगन,परिक्रमा मार्ग और निकास द्वार (The exit gate of Hanumangarhi) को और चौड़ा किया जाएगा। हनुमानगढ़ी के निकास द्वार के समीप बने कूप के पास लिफ्ट लगेगी। निकास मार्ग को चौड़ी कर इसे रामजन्मभूमि पथ से जोड़ दिया जाएगा।

दुर्गा मंदिर, नरसिंह मंदिर और भरत मंदिर को सीध में लाया जाएगा
इतना ही नहीं हनुमानगढ़ी के मुख्य मंदिर के पीछे के दुर्गा मंदिर, नरसिंह मंदिर और सामने के भरत मंदिर को पीछे की ओर और पीछे कर एक सीध मे लाया जाएगा। हनुमानगढ़ी के वरिष्ठ पुजारी हेमंत दास ने राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के साथ तीन दिन पहले इस स्थलों का निरीक्षण कर उनसे चर्चा भी की। माना जा रहा है यह सब काम प्रशासन हनुमानगढ़ी के महंतों से अनुमति के बाद उनके परामर्श के बाद करेगा। इसमें से कुछ कार्य अखाड़ा भी कर सकता है।

ड्रेस कोड न मानने पर पुजारियों पर लगेगा जुर्माना
पुजारी हेमंत दास ने बताया कि हनुमानगढ़ी के पुजारी और उनके सहयोगी संत जिन्हें अखाड़ा की भाषा में मधुकरिया कहा जाता है, उन के लिए ड्रेस कोड निर्धारित कर उसे अनिवार्य रूप से लागू कर दिया गया है। यह सभी अचला बाह वाली बनियान और सिर पर पगड़ी बांध कर ही मंदिर से जुड़ी अपनी सेवा कर सकेंगे। ऐसा न करने पर पंचायत उनके लिए जुर्माना लगाएगी।

मंदिर के अंदर भीड़ बढ़ती जाती है
बताते चले कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए हनुमानगढ़ी का प्रवेश और निकास द्वार बहुत ही संकरा पड़ रहा है। अभी भीड़ के दौरान एक साथ 500 भक्त प्रवेश करते हैं जबकि निकास द्वार से एक साथ 300 भक्त ही निकल पाते हैं। ऐसे में मंदिर के अंदर भीड़ बढ़ती जाती है, जिसको नियंत्रित करने में पुलिस को हर बार बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ता है।