अधिकारी 11 से 2 बजे तक कार्यालय में उपस्थित होकर आम जनमानस/वाहन मालिकों की समस्याओं को सुने: दयाशंकर सिंह

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    लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह (Dayashankar Singh) ने निर्देश दिये हैं कि प्रवर्तन शाखा केंद्र के सभी कार्य सुव्यवस्थित ढंग से सुनिश्चित किये जाएं। इसके अलावा सभी रजिस्टर का रखरखाव मानक के अनुरूप करते हुए सभी आवश्यक कालमों में दी जाने वाली सूचनाएं अनिवार्य रूप से अंकित की जाए। उन्होंने सभी सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारियों (Transport Officials) को कार्यदिवसों में प्रतिदिन 11 बजे से 02 बजे तक कार्यलय में उपस्थित होकर आम जनमानस (General Public) और वाहन मालिकों (Vehicle Owners) की समस्याओं का निस्तारण किये जाने के निर्देश दिए हैं।

    परिवहन मंत्री ने यह जानकारी विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में दी। उन्होंने किये गये चालानों को समयबद्ध तरीके से क्राइम रजिस्टर में निर्धारित कालमों के अलावा आधी-अधूरी सूचनाएं अंकित किये जाने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी कार्यों को विधिसम्मत तरीके से किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सम्भागीय/उपसम्भागीय परिवहन कार्यालय के निरीक्षण में यह पाया गया कि अधिकांश कार्यालयों के प्रवर्तन शाखा में अधिकारियों द्वारा क्राइम रजिस्टर के मामले में लापरवाही बरती जा रही है यह तरीका उचित नहीं है।

    सम्पूर्ण विवरणों को अभिलेखों में दर्ज किया जाना चाहिए

    दयाशंकर ने कहा कि चालान अथवा सीज के मामलो में कार्यालय द्वारा किस तिथि को निस्तारण किया गया और कितनी राशि करों/प्रशमन शुल्क के रूप में जमा करायी गयी। इसके अलावा कौन-से मामले न्यायालय को संदर्भित किये गये और किसके आदेश से भेजे गए। सम्पूर्ण विवरणों को अभिलेखों में दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यायालय से कितना जुर्माना आरोपित/जमा कराया गया और चालानों का निस्तारण, वाद, चालानी रिपोर्ट न्यायालय को विधि के अनुरूप प्रेषित की जा रही या सभी विवरण अभिलेखों में दर्ज नहीं किया जाता यह उचित नहीं है।

    परिवहन मंत्री ने यह भी कहा कि जनपद में पंजीकृत भारी संख्या में बकाये में निहित वाहनों से बकाया से संबंधित मांग पत्र भेजा जाना, वसूली पत्र प्रेषित किया जाना या ठोस कार्ययोजना तैयार कर वसूली हेतु पूरी कोशिश किये जाने में यात्रीकर अधिकारियों द्वारा ठोस कार्रवाई का विवरण किसी कार्यालय में देखा नहीं गया। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित अधिकारी इस तरह के प्रकरणों में किसी भी स्तर पर लापरवाही/उदासीनता न बरतें अन्यथा उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने आरटीओ प्रवर्तन को निर्देश दिए कि नियमित रूप से ऐसे मामलों का अनुश्रवण करें और उस पर पैनी नजर रखें।