Keshav Prasad Maurya

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    लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों द्वारा पूरे प्रदेश में विभिन्न गतिविधियों में प्रतिभाग कर जहां अपने स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता (Self-Reliance) का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है, वहीं सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी। ग्रामोन्मुखी और विकासोन्मुखी योजनाओं और कार्यक्रमों को अमलीजामा भी पहनाया जा रहा है। इसी कड़ी में बुंदेलखंड में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा मिल्क संग्रहण कर महिला सशक्तीकरण की दिशा में बहुत ही सराहनीय, उल्लेखनीय और उत्कृष्ट कार्य किये जा रहे हैं। स्वयं सहायता समूहों द्वारा बुंदेलखंड में प्रतिदिन 1.22 लाख लीटर दूध का संग्रहण किया जा रहा है जो अपने आप में एक मिशाल है। बुंदेलखंड में दूध संग्रहण महिलाओं की आमदनी का बेहतर जरिया बना है और महिलाओं की मेहनत रंग ला रही है।

    प्रतिदिन 1.22 लाख लीटर दूध का संग्रह किया जा रहा

    ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार बुंदेलखंड क्षेत्र में डेयरी वेल्यू चैन (दुग्ध मूल्य श्रंखला): बुंदेलखंड क्षेत्र में दूध बेचने हेतु महिलाओं की प्रोड्यूसर कम्पनी का गठन किया गया है। इस योजना का क्रियान्वयन एन.डी.डी.बी. डेयरी सर्विसेज के सहयोग से बुंदेलखंड के 05 जनपदों (चित्रकूट, झांसी, बांदा, हमीरपुर और जालौन) में किया जा रहा है। इस परियोजना का मुख्यालय जनपद झांसी है और बुंदेलखंड के इन्टेन्सिव जनपदों के 651 ग्रामों में एन.डी.एस. के सहयोग से डेयरी परियोजना के अंतर्गत 3600 स्वयं सहायता समूहों की 48,000 महिलाओं को ‘बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी’ वेल्यू चेन के रूप में विभिन्न चरणों में संगठित किया जाना है, जिसके सापेक्ष  ‘बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी’ वेल्यू चेन के रूप में अब तक 5 जनपदों के 651 ग्रामों से 33,000 शेयर होल्डर्स है। वर्तमान में प्रतिदिन 1.22 लाख लीटर दूध का संग्रह किया जा रहा है। अभी तक कुल रुपए 245 करोड़ का भुगतान करते हुए 13.34 करोड़ का लाभांश अर्जित किया गया है। कार्यक्रम की सफलता के दृष्टिगत जनपद महोबा और ललितपुरकी सम्मिलित करते हुए बुंदेलखंड क्षेत्र के नए 350 ग्रामों को भी सम्मिलित किया जायेगा। इसकी सफलता के दृष्टिगत पूर्वांचल क्षेत्र के 5 जनपदों गाजीपुर, सोनभद्र, बलिया, मिर्ज़ापुर और चंदौली में इसी तर्ज पर काशी दूध उत्पादक कंपनी का गठन किया जा चुका है।

    काशी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी

    जनपद बलिया, मिर्ज़ापुर, सोनभद्र, गाजीपुर और चंदौली के 700 ग्रामों में दुग्ध वैल्यू चैन परियोजना स्वीकृत की गयी है, जिसके तहत दुग्ध का संग्रह करते हुए उसकी प्रसंस्करण करते हुए बिक्री की जायेगी। इस योजना मे 3 वर्ष में 35,000 दुग्ध उत्पादकों को जोड़ा जाना है। इस हेतु 42.23 करोड़ रुपए का बजट प्राविधान किया गया है। वर्तमान में कंपनी के 1700 महिला सदस्य बन चुके हैं और 50 गांव में दुग्ध संग्रहण का कार्य किया जा रहा है, प्रतिदिन लगभग 4500 लीटर दुग्ध संग्रहण किया जा रहा है।