यूपी के बुनकर करेंगे सौर ऊर्जा का इस्तेमाल, पावरलूम की होगी जियो टैगिंग

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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government) बुनकरों की बिजली (Electricity) पर निर्भरता कम करने के लिए सौर ऊर्जा (Solar Energy) के प्रयोग को बढ़ावा देगी। प्रदेश सरकार ने पावरलूम बुनकरों (Powerloom Weavers) की जियो टैगिंग (Geo Tagging) करने का भी फैसला किया है। प्रदेश सरकार पावरलूम के साथ ही हथकरघा बुनकरों के लिए मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना शुरू करेगी। इसका उद्देश्य बुनकरों की पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को कम करना होगा। योजना के तहत हथकरघा और पावरलूम बुनकरों को सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।

    अपर मुख्य सचिव, हथकरघा और वस्त्रोद्योग, नवनीत सहगल ने बताया कि हथकरघा और पावरलूम बुनकरों को गैर पारंपरिक सौर ऊर्जा का लाभ दिलाने, पर्यावरण की रक्षा और बुनकरों को वस्त्र उत्पादन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा में बनाये रखने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की जायेगी। इस योजना के तहत यूपीनेडा और चिन्हित एजेंसियों और संस्था के जरिए बुनकरों को सोलर इन्वर्टर दिये जायेंगे। 

    पावरलूम की जियो टैगिंग के लिए भारत सरकार की ओर से निर्देश दिए गए

    उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के पावरलूम की पहचान करने, पावरलूम के तकनीकी उन्नयन और इस क्षेत्र में विभिन्न नीतिगत निर्णयों को लागू कराने के लिए उनका सर्वेक्षण कराया जायेगा। भारत सरकार द्वारा पावरलूमों की जियो टैगिंग कराने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसी के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने भी प्रदेश में संचालित पावरलूमों की जियो टैगिंग कराने का निर्णय लिया है।

    15 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत किए गए 

    सहगल ने बताया कि जियो टैगिंग के बाद बुनकरों को तमाम योजनाओं का लाभ देने में आसानी होगा। हाल ही में प्रदेश सरकार ने बुनकरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान के लिए सामूहिक बीमा योजना के लिए 15 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की है। सामूहिक बीमा योजना से वर्तमान वित्तीय वर्ष में 10,000 हथकरघा बुनकरों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। 

    बीमा योजना का वार्षिक प्रीमियम 330 रुपए

    बीमा योजना के तहत हथकरघा बुनकरों को स्वाभाविक या दुर्घटना में मृत्यु और पूर्ण अपंगता पर दो लाख रुपए बीमा राशि दी जाती है। आंशिक निःशक्त होने की दशा में एक लाख रुपए बीमा कवर देने का प्राविधान है। उन्होंने बताया कि इस बीमा योजना का वार्षिक प्रीमियम 330 रुपए है। जिसमें भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार 150-150 रुपए अंशदान दे रही है। हथकरघा बुनकरों को केवल 30 रुपये वार्षिक अंशदान ही देना होता है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा का पूरा वार्षिक प्रीमियम भारत सरकार द्वारा वहन किया जाता है।