Auto Industries and yogi

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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Govt.) पश्चिम और मध्य उत्तर प्रदेश (Central UP) के जिलों में आटो, इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) और कंपोनेंट उद्योग के लिए 10,000 एकड़ जमीन उपलब्ध कराएगी। प्रदेश सरकार पश्चिम के जिलों गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, हापुड़, कानपुर नगर और मेरठ में आटो क्षेत्र की बड़ी इकाइयों जबकि मध्य क्षेत्र के आगरा, शाहजहांपुर, अलीगढ़, प्रयागराज, सहारनपुर और इटावा में कपोंनेंट निर्माण की छोटी और मझोली इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करेगी।

    उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यहां बनने वाले इलेक्ट्रिक वाहन और उनके कल पुर्जे यूनाइटेड किंगडम, यूएसए, आस्ट्रेलिया और दक्षिण एशियाई देशों में निर्यात किए जाएंगे। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए पश्चिमी और मध्य यूपी को ऑटो और इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री के साथ ही इससे जुड़े कंपोनेन्ट्स की इंडस्ट्री का हब बनाने का फैसला किया है। 

    यूपी सरकार 10,000 एकड़ जमीन का करेगी अधिग्रहण

    एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2019 में ऑटो इंडस्ट्री में उत्तर प्रदेश में विकास स्टेट वैल्यू एडिशन (जीएसवीए) 1.5 बिलियन डॉलर थी, जिसे अगले पांच वर्ष में पांच बिलियन डॉलर किया जा सकता है। इसके लिए पश्चिमी और मध्य यूपी में 9 से 10 हजार एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी। योगी सरकार उद्योग को जमीन उपलब्ध कराने के लिए 10,000 एकड़ का अधिग्रहण करेगी।

    एक्सप्रेस-वे से किया जा सकता है कनेक्ट

    आटोमोबाइल उद्योगों को लेकर अधिकारियों की एक बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस उद्योग में बड़ी इकाइयों के साथ ही एमएसएमई की भी अहम भूमिका हैं। दोनों ही तरह की इकाइयां पश्चिमी और मध्य उत्तर प्रदेश में पहले से स्थापित हैं। इसके साथ ही इन उद्योगों को कल पुर्जों के निर्यात के लिए यहां पर एक्सप्रेस-वे भी मौजूद है। वहीं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यहां पर आसानी से ईस्टन डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को विकसित करने के साथ एक्सप्रेस-वे से कनेक्ट किया जा सकता है।

    प्रदेश में ईवी चार्जिंग नेटवर्क को बढ़ाना होगा: योगी

    मुख्यमंत्री योगी का कहना है कि पश्चिमी यूपी में ऑटो जोन और ऑटोमोटिव इंडस्ट्री को विकसित करने के लिए इससे जुड़े सहायक और डाउनस्ट्रीम उद्योग पर फोकस करना होगा। इसके लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल ओरिजनल इक्यूपमेंट मैन्युफैक्चरर के सहायक उद्योग रबड़ प्रसंस्करण, प्लास्टिक, धातु, मशीनरी, कांच उद्योग को ग्रीन जोन के रूप में विकसित करना होगा। साथ ही प्रदेश में ईवी चार्जिंग नेटवर्क को बढ़ाना होगा।

    आने वाले पांच सालों में 1.10 लाख रोजगार प्रतिवर्ष मिल सकते हैं

    उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक ऑटो इंडस्ट्री प्रोडक्ट की डिजाइन, उसके रिसर्च, ईवी चार्जिंग पर केंद्रित है। इसमें बैटरी, बैटरी केमिकल, सेल मैन्युफैक्चरिंग, फ्यूल और वेल्डिंग का अहम रोल है। ऐसे में इसके लिए कास्टिंग, वेल्डिंग मशीन ऑपरेटर, इलेक्ट्रिक व्हीकल एसेंबल टेक्नीशियन के साथ हीट ट्रीटमेंट टेक्नीशियन की सबसे ज्यादा जरूरत होगी। इन पदों पर सबसे ज्यादा रोजगार उपलब्ध होंगे। प्रदेश में इस उद्योग के विकास से आने वाले पांच सालों में 1.10 लाख रोजगार प्रतिवर्ष मिल सकते हैं।