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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) दिल्ली के करीब ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में विश्वस्तरीय मल्टी मॉडल लाजिस्टिक हब (Multi-Modal Logistics Hub) बनाएगी। औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक,  ग्रेटर नोएडा में दिल्ली मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत तीन बड़ी परियोजनाएं विकसित की जा रही हैं। पहला इंटीग्रेटेड टाउनशिप, दूसरा मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब और तीसरा मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब हैं।  हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा की इन तीनों परियोजनाओं को गति शक्ति योजना से जोड़कर नई गति दे दी है। इन तीनों परियोजनाओं को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ने का खाका तैयार किया गया है। 

    ये तीनों प्रोजेक्ट आपस में इंटर कनेक्टेड होंगे। इनको एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए दो रास्ते सुझाए गए हैं। पहला रास्ता लॉजिस्टिक हब से जीटी रोड को जोड़ा जाएगा। इसके लिए लॉजिस्टिक हब के पास जीटी रोड पर करीब 2.5 किलोमीटर रास्ते को चौड़ा किया जाएगा। मौजूदा दो लेन से छह लेन तक बनाने का प्रस्ताव है। इस प्रोजेक्ट के लिए ग्रेटर नोएडा में एक नए प्राधिकरण इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ऑफ ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (आईआईटी जीएनएल) का गठन किया गया है।

    रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद

    आईआईटी जीएनएल के सीईओ नरेंद्र भूषण के मुताबिक़, इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब के विकसित होने से रोजगार के अवसर भी खूब पनपेंगे। इन तीनों परियोजनाओं से करीब दो लाख युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद है, जबकि अप्रत्यक्ष रोजगार को जोड़ लिया जाए तो यह आंकड़ा और भी अधिक हो जाएगा। इंटीग्रेटेड टाउनशिप को डीएमआईसी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के संयुक्त उपक्रम डीएमआईसी इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड द्वारा करीब 750 एकड़  में विकसित किया गया है। इस टाउनशिप में अब तक पांच बड़ी कंपनियां अपना प्लांट भी लगा रही हैं। इनमें हायर इलेक्ट्रॉनिक्स, फॉर्मी मोबाइल, संस्कृति इंफोटेनमेंट, चेनफेंग (एलईडी कंपनी) और जे वर्ल्ड इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं।

    मेट्रो कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी

    उन्होंने बताया कि मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक हब की डीपीआर शासन को भेज दी गई है। जैसे ही सहमति मिलती है तो उसका भी टेंडर निकालकर काम शुरू कराया जाएगा। अगले तीन साल में ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक हब विकसित कर देने का लक्ष्य है। नरेंद्र भूषण के मुताबिक, लॉजिस्टिक्स नीति के चलते ही इस सेक्टर में हो रहा ये निवेश दो लाख से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया कराएगा। इसके साथ ही मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब अंतर्गत रेलवे टर्मिनल, लोकल और अंतरराज्यीय बस अड्डा व मेट्रो कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी। इस पर रेलवे ने मंजूरी भी दे दी है। यहां से पूरब की ओर जाने वाली अधिकतर ट्रेनें चलेंगी। इससे दिल्ली, नई दिल्ली और आनंद विहार टर्मिनल पर ट्रेनों का दबाव कम होगा और गौतमबुद्ध नगर, बुलंद शहर, अलीगढ़, गाजियाबाद जनपदों के निवासियों की दिल्ली स्थित रेलवे स्टेशन पर निर्भरता खत्म होगी। मौजूदा नोएडा-ग्रेनो मेट्रो रूट का विस्तार मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक होना है। ट्रांसपोर्ट हब से लोकल बसें भी चलाई जाएंगी। लॉजिस्टिक हब से उद्योगों के लिए माल ढुलाई की राह आसान हो जाएगी।

    478 हेक्टेयर जमीन पर ये दोनों प्रोजेक्ट विकसित किए जाएंगे

    नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के उद्योगों की जरूरत को देखते हुए यह परियोजना बेहद अहम है। मुंबई, कोलकाता, गुजरात आदि जगहों पर अभी माल भेजने में जहां चार से पांच दिन लगता है, इसके शुरू होने के बाद माल 24 घंटे में पहुंच सकेगा। लॉजिस्टिक हब में वेयर हाउस, कोल्ड स्टोर, इत्यादि भी बनेंगे। अधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक नीति घोषित करने वाले राज्यों में से एक है। इस नीति के जरिए राज्य सरकार ने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया है, जिससे लॉजिस्टिक्स इकाइयों द्वारा औद्योगिक भूमि के उपयोग को भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई अवस्थापना सुविधाओं की योग्यता के अनुसार लागू किया गया है। राज्य में लॉजिस्टिक्स के एकीकृत विकास के लिए राज्य स्तरीय लॉजिस्टिक्स प्रकोष्ठ (सेल) तथा राज्यस्तरीय लॉजिस्टिक्स समन्वय समिति एवं नगर-स्तरीय लॉजिस्टिक्स समिति का गठन भी किया गया है। इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा के पास प्रस्तावित मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब के लिए आठ गांवों, दादरी, जुनपत, चिटेहरा, कठहेड़ा, पल्ला, पाली, बोड़ाकी और थापा खेड़ा की जमीन ली जा रही है। 478 हेक्टेयर जमीन पर ये दोनों प्रोजेक्ट विकसित किए जाएंगे।