योगी सरकार निवेशकों पर मेहरबान, कैबिनेट ने दी औद्योगिक नीति को मंजूरी

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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: वैश्विक निवेशक सम्मेलन के पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने निवेशकों के लिए रियायतों, सहूलियतों और आकर्षणों का पिटारा खोल दिया है। योगी कैबिनेट (Yogi Cabinet) ने गुरुवार को नई औद्योगिक नीति (News Industrial Policy) को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश की नई औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति को मंजूरी दे दी गयी है। नीति के संबंध में जानकारी देते हुए औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि सभी स्टेक होल्डर्स से बातचीत कर इसे जारी किया जा रहा है। इसे निवेशकों के अनुकूल बनाने के लिए वैश्विक सलाहकार संस्था डेलायट को भी जोड़ा गया था। 

    उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगने वाले 50 करोड़ रुपए से अधिक किंतु 200 करोड़ रुपए से कम निवेश वाले उद्यमों को नीति में वृहद श्रेणी में रखा गया है, जबकि 200 से 500 करोड़ रुपए के निवेश वाले उद्यमों को मेगा श्रेणी में डाला गया है। इसी तरह 500 करोड़ रुपए से लेकर 3,000 करोड़ रुपए तक के निवेश वाले उद्यमों को सुपर मेगा, जबकि 3,000 करोड़ रुपए से अधिक निवेश को अल्ट्रा की श्रेणी में रखते हुए उन्हें नीति के तहत विभिन्न लाभ, सहूलियतें और रियायतें दी जाएंगी।

    अब ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा

    उत्तर प्रदेश में निवेश करने वाले उद्यमियों को मिलने वाली रियायतों के लिए अब ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। प्रदेश में निवेश संबंधी समझौता ज्ञापन (एसओयू) पर हस्ताक्षर होने के बाद उनकी आनलाइन ट्रैकिंग की जा सकेगी। इतनी ही नहीं प्रदेश में 500 करोड़ रुपए से अधिक निवेश का उद्यम लगाने वाले उद्यमियों को जमीन फास्टट्रैक सिस्टम से उपलब्ध कराई जाएगी। किसान अगर अपनी कृषि भूमि स्वेच्छा से उद्योग लगाने के लिए देना चाहें तो सरकार उसकी भी व्यवस्था करेगी।

    जमीन का तुरंत आवंटन कर दिया जाएगा

    अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास एवं निवेश अरविंद कुमार ने बताया कि निवेशक को जमीन उपलब्ध कराने के काम में तेजी लाने के लिए फास्ट ट्रैक सिस्टम नीति के तहत लागू किया जाएगा। इसके तहत 500 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करने वालों को औद्योगिक क्षेत्र अथवा प्राधिकरणों उपलब्ध जमीन का तुरंत आवंटन कर दिया जाएगा। अगर जमीन उपलब्ध नहीं तो निवेशक के खर्च पर उसे अधिग्रहीत करने का काम सरकार करेगी। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि किसान अगर अपनी खेती योग्य जमीन को उद्योगों के लिए स्वेच्छा से देना चाहेंगे तो वो सरकार से इस आशय का अनुरोध कर सकते हैं। नई औद्योगिक नीति में निजी क्षेत्र को औद्योगिक पार्क बनाने के लिए  खासी सहूलियतें दी गयी हैं। अब निजी क्षेत्र बुंदेलखंड व पूर्वांचल में 20 एकड़ अथवा अधिक जमीन पर औद्योगिक पार्क बना सकेंगे, जबकि पश्चिमांचल में 30 एकड़ अथवा अधिक जमीन पर 45 करोड़ रुपये तक की निवेश सीमा पर कुल निवेश के 25 फीसदी पूंजीगत सब्सिडी के साथ निजी क्षेत्र औद्योगिक पार्क बना सकेंगे। 

     बुंदेलखंड और पूर्वांचल में स्टांप शुल्क में 100 फीसदी छूट दी जाएगी

    अरविंद कुमार ने कहा कि निजी औद्योगिक पार्कों में काम करने वालों के लिए डारमैट्री या हास्टल बनाने के लिए 25 करोड़ निवेश की सीमा पर 25 फीसदी की पूंजीगत सब्सिडी दी जाएगी। नई नीति के तहत निवेशकों को बुंदेलखंड और पूर्वांचल में स्टांप शुल्क में 100 फीसदी जबकि नोयडा व गाजियाबाद को छोड़ मध्यांचल व पश्चिमांचल में 75 फीसदी की छूट दी जाएगी। नोएडा और गाजियाबाद में यह छूट 50 फीसदी होगी।

    मिलेगी इतने फीसदी कैपिटल सब्सिडी 

    औद्योगिक नीति के तहत स्थापित होने वाली इकाइयों को राज्य मूल्य एवं वस्तु कर (एसजीएसटी) में सौ फीसदी सालाना की छूट दी जाएगी। यह छूट वृहद ईकाई को छह सालों के लिए, मेगा ईकाई को 12, सुपर मेगा को 14 और अल्ट्रा ईकाई को 16 सालों के लिए मिलेगी। नीति में कैपिटल सब्सिडी वृहद ईकाई को पात्र पूंजी निवेश का 15 फीसदी, मेगा ईकाई को 22 फीसदी, सुपर मेगा को 25 और अल्ट्रा ईकाई को 30 फीसदी पूर्वांचल और बुंदेलखंड के लिए दिया जाएगा। मध्याचंल और पश्चिमांचल के लिए यह सीमा वृहद इकाई को 12 फीसदी, मेगा को 20, सुपर मेगा को 22 फीसदी, जबकि अल्ट्रा इकाई के 25 फीसदी होगी। वहीं नोएडा और गाजियाबाद में स्थापित होने वाली वृहद इकाई को 10 फीसदी, मेगा को 12, सुपर मेगा 15 और अल्ट्रा इकाई को 20 फीसदी कैपिटल सब्सिडी मिलेगी।

    तीन नए निजी विश्विद्यालय खोलने का भी फैसला 

    इसके अलावा कैबिनेट ने ग्रामीण इलाकों को शामिल करते हुए लखनऊ, कानपुर और वाराणसी पुलिस कमिश्नर का अधिकार क्षेत्र बढ़ा दिया है। लखनऊ में ग्रामीण क्षेत्र के 6, कानपुर में 14 और वाराणसी में 12 पुलिस थाने कमिश्नरेट सिस्टम के तहत काम करेंगे। शिक्षा व्यवस्था में एकरुपता लाने के लिए बेसिक और माध्यिमक शिक्षा निदेशालय में एक ही महानिदेशक की तैनाती का फैसला किया है। कैबिनेट ने प्रदेश में तीन नए निजी विश्विद्यालय खोलने का भी फैसला किया है।