नवभारत डिजिटल डेस्क: पैरों में लगने वाली धूल को इंसान एक झटके में साफ़ कर देता है। धूल के बारे में किसी ने कभी सोचा नहीं होगा। वैसे भी मानव समाज में जो चीजें उपयोगी होती हैं वो सिर्फ उसकी ही परवाह करता है। किसी के पास इतनी फुर्सत कहां है कि वो धूल के बारे में सोच के अपना समय गंवाए। लेकिन हम धूल से जुड़ी एक ऐसी बात बतायेंगे कि उसे जानकर आप भी हैरान हो जायेंगे। इस धूल की कीमत इतनी ज्यादा है कि आप उतनी कीमत में हीरा, मोती और महंगी कार से लेकर लग्जरी घर तक खरीद सकते हैं। अब आपके मन में इस धूल के बारे में जानने की उत्सुकता तो बढ़ ही गई होगी। तो चलिए हम आपको बताते दुनिया की सबसे महंगी धूल कहां मिलती है और उसकी कीमत कितनी है।
दुनिया की सबसे महंगी धूल
दुनिया की सबसे महंगी धूल की बात करें तो वो धरती पर नहीं बल्कि चांद पर मिलती है। जी हां चांद पर मिलने वाली धूल बेशकीमती है। इस धूल को रिसर्च करने के नजरिये से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसकी कीमत का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि पिछले साल अमेरिका में एक चुटकी धूल की नीलामी न्यूयॉर्क के बोनहाम्स में हुई थी। उस दौरान धूल की कीमत तकरीबन 10 से 12 लाख रुपये आंकी गई थी। लेकिन नीलामी पूरी हुई तो एक चुटकी धूल 504375 डॉलर यानी 4 करोड़ रुपयों से अधिक में बिकी। इसी धूल को नील आर्मस्ट्रांग ने चांद पर पहुंचने के बाद धरती पर लाया था।
इन तीन देशों के पास है ये धूल
चांद से धरती पर धूल लाने में वाले देश की बात करें तो इसमें अमेरिका, रूस और चीन का नाम शामिल है। इस काम में अमेरिका सबसे आगे है, अपोलो 11 अभियान के जरिए पृथ्वी पर नील आर्मस्ट्रांग पहली बार चांद से धूल लेकर पृथ्वी पर लौटे थे। अब तक अमेरिका अपने अपोलो अभियान के तहत धरती पर चांद की 382 किलो धूल जमा कर चुका है। जबकि रूस के पास 300 ग्राम धूल है। वहीं अगर चीन की बात करें तो उसके पास तकरीबन 3 किलो चांद की धूल है।
पृथ्वी और चांद के धूल में अंतर
पृथ्वी पर मिलने वाली धूल बेहद महीन होती है। इससे किसी प्रकार की चोट नहीं लग सकती है। जबकि चांद की धूल काफी अलग होती है। चांद पर पाई जाने वाली मिट्टी को नुकीला बताया जाता है। जिसके कारण कई बार अभियान पर भेजे गए उपकरणों को नुकसान हो जाता है। वहीं चांद की मिट्टी का रंग डार्क ग्रे है, इसके रंग में थोड़ा ओरेंज, सफेद और काला मिक्स होता है। चांद पर ऑक्सिजन न होने के कारण परत पर जमी धूल उसी अवस्था में पड़ी रहती है।