अस्पताल चालकों की लापरवाही के चलते तीन गर्भवती महिलाओं की गई जान

Loading

ठाणे. कोरोना जैसे वैश्विक महामारी के चलते जहाँ शहर के कई अस्पतलों को कोविड 19 में परिवर्तित कर दिया गया है. तो वहीं जो अस्पताल शेष हैं वे अब डर के कारण मरीजों को भर्ती करने से इंकार करते नजर आ रहे हैं. यही कारण है कि अस्पताल में भर्ती न हो पाने के कारण तीन गर्भवती महिलाओं  को अपनी जान गवानी पड़ी है. 

तीन अस्पतालों के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज 

अस्पतालों की इन लापरवाही के मामले में से तीनों अस्पतालों के ख़िलाफ मामला दर्ज किया गया है. शहर में दिनों दिन बढ़ते मरीजों और कोविड अस्पतालों पर पड़ रहे दबाव को देखते हुए ठाणे मनपा प्रशासन ने अब कड़े कदम उठाने में जुट गया है. मनपा आयुक्त विजय सिंघल ने एक आदेश जारी कर शहर के नॉन कोविड निजी अस्पतालों में कोरोना के संदिग्ध मरीजों का इलाज करने से इंकार करने वाले अस्पतालों पर कड़क कार्रवाई की चेतावनी दी थी. लेकिन इसके बावजूद अस्पताल संचालक मरीजों को भर्ती करने से इंकार करते दिखाई दे रहे है. जिसका खामियाजा आम मरीजों को उठाना पड़  रहा है. 

मामला मुंब्रा के ठकुरपाड़ा का है. यहां की निवासी 26 वर्षीय गर्भवती आसमा मेहंदी पहले बिलाल हॉस्पिटल में अपने पति के साथ गयी थी. लेकिन अस्पताल ने टालमटोल किया और उसको भर्ती नहीं किया. बाद में पति पत्नी प्राइम क्रीटी केयर अस्पताल में गए थे. आरोप है कि वहां भी टालमटोल कर दिया गया और इलाज नहीं किया गया. अस्पताल दर अस्पताल भटकने के चक्कर में आसमा को समय पर इलाज नहीं मिला और उसकी मौत हो गयी. दुसरी घटना में ठाकुरपाड़ा के संजरी इमारत में रहने वाली 19 वर्षीय शाहीन खान को टाईफाईड हुआ था. बताया गया है कि गुरुवार को उसने ठंढा पानी पीया तो उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी. घर वाले उसे लेकर स्थानीय अस्पताल में चक्कर लगाये. घर वाले के मुताबिक चार अस्पताल घूमने पर भी किसी ने उसे भर्ती नहीं किया. कहीं डॉक्टर न होने तो कहीं बेड न होने तो कहीं सिर्फ खास मरीज को ही भर्ती करने का कारण सामने रखा गया. शाहीन के घर वाले उसे लेकर मनपा के शिवाजी अस्पताल जा रहे थे लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी.

सूत्रों के अनुसार भोलेनाथ नगर में रहने वाली गर्भवती 22 वर्षीय मेहेक खान के घर वाले उसे यूनिवर्सल अस्पताल ले गए थे. अस्पताल में उससे मोटी राशि की मांग की गयी थी. आर्थिक रूप से कमजोर घर वाले बाद में उसे जैसे तैसे दूसरे अस्पताल में भर्ती कराये और वहां वह प्रसूति हुई. अमृतनगर के नारायण नगर में भी इसी तरह अस्पताल में भर्ती न किये जाने के चलते एक और युवती ने दम तोड़ दिया. सहायक आयुक्त महेश आहेर ने पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया मामला 

महक और आसमा के मामले को गंभीरता से लेते हुए ठाणे मनपा की तरफ से सहायक आयुक्त महेश आहेर ने यूनिवर्सल, बिलाल तथा प्राइम क्रीटी केयर अस्पताल के ख़िलाफ मुंब्रा पुलिस स्टेशन में आईपीसी 188, राष्ट्रिय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 ब, महाराष्ट्र कोविड 2019 प्रतिबंधात्मक अधिनियम की धारा 11 तथा संसर्गजन्य रोग अधिनियम 1989 की धारा 3 के तहत मामला दर्ज कराया है. हलांकि अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है. आगे मामले की छानबीन पुलिस कर रही है.