ऐतिहासिक है पंजाब का जालंधर शहर, जानें यहाँ के पर्यटन स्थलों के बारे में

Loading

पंजाब राज्य में स्थित जालंधर एक ऐतिहासिक शहर है, जिसे ब्रिटिश काल के दौरान जुलुन्दूर के नाम से जाना जाता था। जालंधर भारत के उन स्वस्थ शहरों में शामिल है, जो तेजी से शहरीकरण और औद्योगिकरण की तरफ बढ़ रहे हैं। पंजाब को एक बड़ा आय का स्रोत इस शहर से प्राप्त होता है। इस शहर को सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में भी शामिल किया गया है। इतिहास के अनुसार इस शहर का संबंध महाभारत काल से भी रहा है, तब इसे प्रस्थल के नाम से जाना जाता था। जालंधर राज्य के सबसे पुराने शहरों में गिना जाता है। इसके अलावा चंडीगढ़ के गठन से पहले यह पंजाब की राजधानी भी रह चूका है। यहाँ कई खूबसूरत पर्यटन स्थल भी है, जहां आप भारतीय इतिहास और कई अन्य महत्वपूर्ण चीज़ों को देख पाएंगे। 

सरदार भगत सिंह संग्रहालय-

आप यहां शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह संग्रहालय की सैर कर सकते हैं। इस संग्रहालय का उद्घाटन 23 मार्च, 1981 को किया गया था। संग्रहालय का मुख्य स्थान खट्कर कालियान में है, जो भगत सिंह का पुश्तैनी गांव है। इस संग्रहालय में भगत सिंह से जुड़ी वस्तुएं रखी गई हैं। यहां भगत सिंह की उन चीज़ो को भी शामिल किया गया है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी हुईं हैं।

पुष्पा गुजराल विज्ञान शहर-

जालंधर में आप पुष्पा गुजराल साइंस सिटी की सैर का आनंद ले सकते हैं। विज्ञान थीम पर आधारित यह केंद्र पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री आई के गुजराल की मां के नाम पर रखा गया है। इस पार्क में 20 से ज़्यादा विज्ञान प्रदर्शन, झील और एक बड़ा सा डायनासोर मॉडल भी है। विज्ञान के शानदार अनुभव के लिए आप यहां आ सकते हैं।

इमाम नासिर मस्जिद जालंधर-

जालंधर में यह ऐतिहासिक मस्जिद और दरगाह है। माना जाता है कि सूफी संत बाबा फरीद ने इसका दौरा किया था। इमाम नासिर मस्जिद के पास, 400 वर्षीय पुरानी जामा मस्जिद भी देखने को मिलती है। ये दो प्राचीन मस्जिदें अपनी सरंचना से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।

देवी तालाब मंदिर-  

आप यहां देवी तालाब मंदिर आ सकते हैं, जो सती के प्रसिद्ध शक्ति पीठों में गिना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस स्थल पर सती का दायां वक्ष गिरा था। इस मंदिर का नाम, यहां स्थित 200 साल पुराने तालाब के नाम पर रखा गया है। अगर आप वार्षिक संगीत उत्सव के दौरान यहाँ आएंगे तो आपको ज़्यादा आनंद का अनुभव होगा। यह त्यौहार दिसंबर के दौरान आयोजित किया जाता है।