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    नई दिल्ली: शादी का मौसम चल रहा है, हर जगह शादी की धूमधाम मची हुई है। ऐसे में लोग शादी में बड़े उत्साह के साथ शामिल हो रहे है। हमेशा से कहा जाता है कि खुशियों की कोई सीमा नहीं होती। वो कभी भी कैसे भी मनाई जा सकती है उसके लिए बस मन मने उत्साह होने की जरूरत है। जी हां ऐसा ही एक नजारा हमें बिहार के छपरा में दिखाई दिया जहां 70 साल का दूल्हा बग्घी पर सवार होकर अपनी दुल्हन को लाने के लिए ससुराल की ओर चले तो हर कोई उन्हें देखता रह गया, बता दें कि 70 वर्षीय बुजुर्ग शादी बिहार में अब चर्चा का विषय बन गई है। आइए जानते है इस अनोखी शादी के बारे में… 

    70 वर्षीय बुजुर्ग की शादी बनी चर्चा का विषय 

    आपको बता दें कि इस खास साहड़ी में सात बेटियों और 1 बेटे के साथ पूरा गांव बाराती बना हुआ था। इतना ही नहीं बल्कि सभी बैंड-बाजा और डीजे की धुन पर डांस कर खुशिया भी मना रहे थे। जी हा इस शादी में पूरा गांव जश्न में डूबा हुआ था।  इस अनूठी शादी को देखने के लिए बड़ी तादाद में लोग जुटे थे। बुजुर्ग दंपति भी इससे काफी खुश थे। अब हर जगह इनकी शादी की चर्चा हो रही है। 

    पत्नी का नहीं हुआ था गौना 

    मिली जानकारी के मुताबिक, छपरा में बीते  गुरुवार को एक अनोखी बारात निकली। 70 साल के एक बुजुर्ग की बारात में उसकी 7 बेटियां और एक बेटा के साथ पूरा गांव बाराती बना हुआ था। इस शादी को हर कोई देख रहा था। दरअसल, एकमा के आमदाढ़ी निवासी राजकुमार सिंह की शादी 42 साल पहले 5 मई को ही हुई थी, लेकिन पत्नी का दोंगा (गौना) नहीं हुआ था। दरअसल दोंगा यानी गौना वह रस्म है जिसमें पत्नी का मायके से अपने पति के घर दूसरी बार जाना होता है। इस रस्म को राजकुमार सिंह और उनके संतानों ने इस कदर यादगार बना दिया, जिसे कोई नहीं भूल सकता है। 

    बुजुर्ग दंपति की 42 साल पहले हुई थी शादी

    आपको बता दें कि 70 वर्षीय बुजुर्ग जो अब अपने पत्नी का गौना लाने जा रहे है उनकी शादी छपरा में 42 वर्ष पहले हुई थी। अब वह चार दशक से भी ज्यादा समय के बाद पत्नी का दोंगा यानि गौना कराने रथ पर सवार होकर निकले। जिले के एकमा थाना के आमदाढ़ी में धूमधाम के साथ 70 साल के बुजुर्ग की बारात निकली तो देखने वाले लोग बस देखते ही रह गए।

    70 साल के दूल्हे ने बताया.. 

    दूल्हा बने राजकुमार सिंह ने बताया की 42 साल पूर्व उनकी शादी में मांझी थाने के नचाप गांव से बारात आमदाढ़ी आई थी। शादी के बाद वह कभी अपने ससुराल आमदाढ़ी नहीं गए थे और न कभी दोंगा ही हुआ था। उन्होंने बताया कि उनकी बेटियों और बेटा ने मिलकर 42 वर्ष के बाद दोंगा की रस्म को पूरा किया। जिसे लेकर अब वे चर्चा में बने हुए है।

     

    बच्चों ने की इस नेक काम की पहल 

    आपको बता दन कि राजकुमार सिंह अपने गांव में आटा-चक्की चलाते हैं। बहुत मेहनत और संघर्ष कर उन्होंने अपनी 7 बेटियों को बिहार पुलिस और सेना में नौकरी दिलाई, इतना ही नहीं बल्कि बेटे को भी इंजीनियर बनाया। बच्चों की जिद के आगे राजकुमार सिंह को झुकना पड़ा और दूल्हा बनकर बारात के साथ निकल पड़े अपनी पत्नी को दुबारा विदा कर घर लाने के लिए। अपने दूल्हे का यह अंदाज पत्नी को भी काफी पसंद आया।वहीं, बच्चों ने भी राजकुमार सिंह के प्रयासों की सराहना की जिसके बदौलत आज वे इस मुकाम पर हैं। राजकुमार सिंह की दूसरी शादी पूरे इलाके में चर्चा के विषय बनी हुई है।