अजब-गजब : ये है ‘रिसाइकल मैन’, यूज हुए मास्क और PPE किट से बनाता है ईंट

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    नई दिल्ली : पर्यावरण संरक्षण का काम करते हुए दुनिया में कई जगह अलग-अलग चीजों को रीसायकल किया जाता है। पर्यावरण के लिहाज से देखा जाए तो वर्तमान समय में चीजों का रीसायकल होना बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। जिस बारे में हम आपको बताने जा रहे है उसे शायद आपने कभी सोचा भी नहीं होगा। कोरोना महामारी को एक साल से ज्यादा वक्त हो चुका है, इस कोरोना संकट ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है।

    मास्क, सेनेटाइजर से लेकर पीपीई किट जैसे तमाम चीजों के माध्यम से लोगों ने इससे बचने की कोशिश की लेकिन ना जाने कितने लोगों की जान इस महामारी ने ले ली। इसके चलते व्यापक लोगों ने मास्क PPE किट का उपयोग किया लेकिन कभी आपने सोचा की उपयोग के बाद इसका क्या होगा? जी नहीं ना लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स को बता रहे है जो रीसायकल मैन है। 

     भारत का रीसायकल मैन

    इतने बड़ी संख्या में उपयोग किये गए मास्क और PPE का क्या होगा यह हम सबके लिए बेहद समस्या वाली बात थी। कई अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट्स में भी इस बात का जिक्र किया गया कि आने वाले समय में इन चीजों का कचरा बहुत बढ़ने वाला है। इसी कड़ी में भारत का एक शख्स है जो उम्मीदों को जगा रहा है। गुजरात के रहने वाले बिनीश देसाई देश में कचरों से जमा मास्क और पीपीई किट से ईंटें बना रहे हैं। 27 साल के बिनीश को भारत का रिसाइकिल मैन भी कहा जाता है।

    ईटें होती हैं मजबूत

    किसी चीज की पुनर्निर्मिती हो या उसका फिर सही से उपयोग हो ये बड़ी अच्छी बात है। बिनीश देसाई एक कंपनी के संस्थापक हैं, उनकी कंपनी इंडस्ट्रियल वेस्ट को सस्टेनेबल बिल्डिंग मटेरियल बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है। जिस मास्क और पीपीई किट को लोग इस्तेमाल के बाद फेंक देते हैं, उन्हीं कचरों से बिनीश की कंपनी ईंटें बना रही है। ईंटों की क्वालिटी भी काफी अच्छी है। ये काफी मजबूत हैं।

    क्रिएटिविटी से नई पहल 

    क्रिएटिविटी एक ऐसी चीज है जो नई-नई चीजों की उत्पत्ति या  करती है। गुजरात के वलसाड में पैदा हुए बिनीश का बचपन से ही क्रिएटिविटी में काफी इंट्रेस्ट रहा है। उन्होंने बचपन में अपने किचन में भाप को पानी में बदलने वाली शीन बनाई थी। वो बताते हैं कि रीसायकल चीजों से ईंटें बनाने का ख्याल बिनिश को उनके स्कूल लाइफ में ही आया था। वो सस्ते दामों में ईंटें बनाकर वैसे लोगों की मदद करना चाहते थे जो अपना घर बनाना चाहते थे।

    वक्त के साथ उनका यह ख्याल प्रत्यक्ष रूप में बदल गया और उन्होंने ईटें बनाई। अभी आप सोच रहे होंगे की इस शख्स ने एक या डॉन ईटें बनाया होगी। जी नहीं। बिनीश ने बताया कि लोग ज्यादातर सिंगल यूज मास्क यूज कर रहे हैं। एक बार इस्तेमाल होने के बाद ये मास्क कूड़े में शामिल हो जाते हैं। तो मैंने सोचा क्यों न मैं इस वेस्ट से भी ईंटें बनाने का काम शुरू करूं। रिपोर्ट्स के मुताबिक इनकी कंपनी के बनाए ईंटों से कई घर और कई बिल्डिंग का निर्माण किया जा चुका है। 

    ईटें में है यह खास बात 

    बिनिश ने न केवल ईटें बनाई है बल्कि उसमे कुछ अलग भी है। दिलचस्प बात ये है कि ये ईंटें आग में भी खराब नहीं होती। इन ईंटों की वजह से मेडिकल वेस्ट कम हो रहे हैं। यही वेस्ट पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। कुल मिलाकर कोरोना महामारी की वजह से प्लास्टिक वेस्ट की चीजों में काफी इजाफा हुआ है, इसे ऐसे ही उपयोग में लाया जा सकता है ताकि पर्यावरण को नुकसान ना पहुंचे। इस तरह के नई क्रिएटिविटी का इस्तेमाल करके हम भी पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे सकते है।