पहाड़ों में मिली 5000 साल पुरानी ममी!
पहाड़ों में मिली 5000 साल पुरानी ममी!

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नई दिल्ली: ममी का नाम आते ही हमारे मन में सबसे पहला ख्याल मिस्र का ही आता है क्योंकि मिस्र का बेहद पुराना इतिहास अपने अंदर आज भी कई रहस्य समेटे हुए है। अक्सर वहां खुदाई में ऐसी-ऐसी ममी मिलती हैं, जो कई बार लोगों के आश्चर्य को पहले से और भी ज्यादा बढ़ा देती हैं। कहते हैं कि एक ममी अपने साथ न जाने कितने रहस्य उजागर कर देती है। यही वजह है कि, मिस्र को रहस्यों का खजाना कहा जाता है, लेकिन क्या आपको पता है ममी सिर्फ मिस्र में ही नहीं, बल्कि पहाड़ों में भी पाई गई हैं। दरअसल, 19 सितंबर 1991 में ऑस्ट्रिया और इटली के बीच फैली आल्प्स की पहाड़ियों पर एक ममी मिली थी, जिसके बारे में कई खास जानकारियां निकलकर बाहर आई हैं। 

 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर वायरल एक पोस्ट के कैप्शन के मुताबिक, 19 सितंबर 1991 में ऑस्ट्रिया (Austrian Alps) और इटली के बीच आल्प्स की पहाड़ियों (Otztal Valley) पर दो जर्मन हाइकर्स को पहाड़ों पर एक शव दिखाई दिया था। इस शव का सिर और कंधा बाहर की ओर निकला हुआ था जबकि पूरा शरीर बर्फ की अंदर धंसा हुआ था। पहली नजर में जब उन्होंने इसे देखा तो उन्हें ऐसा लगा कि ये किसी पर्वतरोही का शरीर है। इसे सोचकर उन्होंने इस बात की जानकारी वहां के अधिकारियों को दी, जिसके बाद बॉडी का मेडिकल चेकअप हुआ और फिर जो बात सामने निकलकर आई उसने सबको हैरान कर दिया। दरअसल ये जिसे पर्वतरोही समझ रहे थे असल में वो एक 5000 साल पुरानी ममी थी। बर्फ में दबने के कारण यह ममी बिल्कुल सही सलामत थी और इससे अब कई खुलासे हो सकते थे।  

रहस्यमयी ‘ओत्ज़ी द आइसमैन’ ममी  

वैज्ञानिकों ने इस ममी का नाम “ओत्ज़ी द आइसमैन” रखा रिसर्च में पता चला कि ओत्ज़ी की मौत कुछ 5300 साल पहले हुई थी. ये मानव इतिहास का वो दौर है जिसे कॉपर युग के नाम से जाना जाता है। रिसर्च में ये बात निकलकर सामने आई कि, ओत्ज़ी अपनी पूरी जिंदगी जी चुका था, मरने से पहले वो किसी लंबी यात्रा में था, क्योंकि ओत्ज़ी के शरीर पर कई तरह के आक के फूल थे। हैरानी की बात तो यह कि, ओत्ज़ी के शरीर से जानवरों का मांस भी मिला है, जो उसने मरने से पहले खाया होगा। ओत्ज़ी के शरीर को अब इटली के एक म्यूजियम में रखा गया है। शरीर को मेंटेन रखने के लिए तापमान -6 डिग्री सेल्सियस रखा गया है। साल 2012 में 3D एनिमेशन की मदद से इस तस्वीर को बनाया गया, ताकि ये पता चल सके कि, ओत्सी कौन था और वह कैसे मिला था।