(Image-Twitter)
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    नई दिल्ली: डायबिटीज के मरीज के लिए खाने-पिने के बारे में बहुत सोचना पड़ता है। कही इसमें सुगर की मात्रा तो नहीं? नहीं ये फल नहीं खा सकते इससे सुगर बढ़ सकता है। इन सब सवालों पर और परेशानियों पर एक सरल सा उपाय मिल गया है। अब आप बिना झिजक के आम खा सकते है, और इससे आपका शुगर भी नहीं बढ़ेगा। जी हां बिहार में एक ऐसे आम की प्रजाति है जो शुगर फ्री  (Sugar Free Mango) है, और इतना ही नहीं बल्कि वो आम पकने के पहले 16 बार अपना रंग बदलता है। आइए जानते है इस शुगर फ्री आम के बारे में पूरी जानकारी.. 

    आम को देखने आते है लोग 

    दरअसल बिहार में मुजफ्फरपुर के मुशहरी के रहने वाले किसान भूषण सिंह (Bhushan Singh) के बाग में इस आम की फसल हो रही है,  और आम को देखने के कई लोग आ रहे हैं और इसकी खूबियों की जानकारी ले रहे हैं। बता दें कि इस आम का आकार और रंग भी अन्य आमों से अलग है, जिस कारण आने-जाने वाले लोग इसे एक बार जरूर देखना चाह रहे हैं। 

    इतने सालों में देता है फल 

    इस आम के बारे में जानकारी देते हुए किसान भूषण सिंह बताते हैं कि वे इस आम की किस्म को पश्चिम बंगाल से लेकर आए हैं। वे बताते हैं कि ये एक बहुत छोटे आकार का पौधा होता है। साथ ही सिंह ने कहा, ‘आमतौर पर इस प्रजाति की पौध दो से तीन साल में फल देती है, हालांकि किसी कारणवश इस पौधे ने चार साल में फल दिया।’ अब इस शुगर फ्री आम को देखने के लिए लोगों का जमावड़ा लग रहा है। 

    16 बार बदलता है रंग 

    आपको बता दें कि भूषण सिंह ने इसे अमेरिकन ब्यूटी प्रजाति का आम बताते हुए कहा, ‘इसकी सबसे बड़ी विशेषता आम का मंजर और दाना सामान्य आम की तरह निकलता है, लेकिन शुरू से लेकर पकने तक यह आम 16 बार अपना रंग बदलता है। पकने के समय इसका वजन आधा किलो से ज्यादा हो जाता है। आमतौर पर एक आम का वजन चार सौ ग्राम होता है’ 

    शुगर फ्री होने का दावा   

    उन्होंने कहा कि यह अन्य आम से कम मीठा है। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने इसे शुगर फ्री होने का भी दावा किया। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के सह निदेशक अनुसंधान एवं प्रधान अन्वेषक, अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (फल) डॉ. एस. के. सिंह कहते हैं कि फिलहाल उन्होंने इस आम की प्रजाति को देखा नहीं है, हालांकि 16 बार रंग बदलने का कोई वैज्ञानिक आधार नजर नहीं आता है। 

    मधुमेह के रोगियों के लिए बेहतर आम 

    आम की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि आमतौर पर साधारण आम भी टिकोले से लेकर पकने तक चार-पांच बार रंग बदलते हैं। शुगर फ्री के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कम मीठा है, तो स्वाभाविक है कि मधुमेह के रोगियों के लिए बेहतर हो, फिर भी जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट कहा जा सकता है।  अब देखना यह होगा कि जांच के बाद क्या ये वाकई में शुगर फ्री है।