नई दिल्ली. बचपन काफी खूबसूरत होता है। लेकिन आज कल के बच्चे के बचपन पर मोबाइल और लपटॉप ने अपना कब्ज़ा जमा लिया है। वो भी क्या दिन थे जब कंचे, पिट्ठ, छुपनछुपाई, गिल्ली डंडा और टायर चलाने वाले खेल खूब लोकप्रिय थे। गली मोहल्ले बच्चों की शोर से गूंजा करते थे। ऐसे ही पुराने बचपन के दिन जब वीडियो के रूप में सामने आते हैं तो लोग भावुक हो जाते हैं और बचपन के हसीन यादें तरो ताजा हो जाती हैं। दरअसल सोशल मीडिया (Social Media) पर एक वीडियो वायरल (Viral Video) हो रहा है इसे देखकर आप अपने बचपन (Childhood) की यादों में खो जाएंगे।
वीडियो में देखें बचपन की झलक
आईपीएस ऑफिसर रुपिन शर्मा (IPS Offcer Rupin Sharma) ने सोशल मीडिया (Social Media) साइट ट्विटर (Twitter) पर एक बेहद खूबसूरत वीडियो (Amazing Video) शेयर किया है। उन्होंने कैप्शन में लिखा, कभी आपने ऐसा किया? मैंने तो किया… नागालैंड में कहीं.. बचपन के खेल। रूपिन शर्मा को ये वीडियो रोहित श्रीवास्तव ने भेजा जिसे रीट्वीट करते हुए रुपिन शर्मा ने लिखा – मस्त है, गजब बैलेंस है बच्चे का।
कभी आपने ऐसा किया ?
मैंने तो किया..😊😊😊😊
Somewhere in #Nagaland#Bachpan के #खेल pic.twitter.com/8bEPfd30DM— Rupin Sharma IPS (@rupin1992) June 23, 2021
बता दें कि, यह वीडियो नागालैंड (Nagaland Population) का है। इस वीडियो (Twitter Video) में कुछ बच्चे बेफिक्री से मिट्टी पर एक-एक कर के फिसलते हुए नजर आ रहे हैं (Children Games)।देखकर साफ पता चल रहा है कि बारिश के बाद रोड पर पड़ी गीली मिट्टी पर खेलते ये बच्चे कितने सुकून में हैं।
दूसरे वीडियो में गली के बच्चे टायर से खेलते दिख रहे है। एक बच्चा टायर के अंदर बैठता है और दूसरा बच्चा उस टायर को गली में चला देता है। फिर शुरू होता है टायर में बैठे बच्चे का बैलेंस। वो टायर संग उलट पलट होता हुआ गली के छोर तक जाता है औऱ वहां से टायर को अपने पैरों के जरिए चलाते हुए लौट कर आता है। बच्चे का बैलेंस देखकर लोग हैरान हो रहे हैं। आखिर कहां से सीखा होगा ये जुगाड़।
Mast hai @rohit11 .
ग़ज़ब👍👍 balance है बच्चे का !!👌👌👌 https://t.co/4WYx4OEQVs
— Rupin Sharma IPS (@rupin1992) June 25, 2021
लोगों को भा रहा वीडियो
सोशल मीडिया (Social Media) पर शेयर किए गए इस वीडियो को अब तक 1 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं। इस पर कमेंट कर रहे लोगों का कहना है कि यही असली एंटरटेनमेंट (Real Entertainment) है और बच्चों को आज भी इसी तरह से जीने की आजादी मिलनी चाहिए।