(Image-Instagram)
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    नई दिल्ली: जहां बात करें शादी की तो मेहंदी के बगैर शादी अधूरी होती है, खास कर अपने भारत में शायद ही कोई दुल्हन होगी जो बगैर मेहंदी के शादी करेगी। जी हां यहां धर्म हिंदू हो या चाहे मुस्लिम हो, हर दुल्हन अपनी शादी पर मेहंदी जरूर लगाती है। इतना ही नहीं बल्कि हिंदू धर्म में मेहंदी स्त्रियों के सोलह श्रृंगार में से एक मानी जाती है, शादी में दूल्हा-दुल्हन दोनों मेहंदी लगाते है, लेकिन क्या कभी आपने इस बारे में सोचा है कि आखिर दुल्हन को क्यों मेहंदी लगाई जाती है? क्या है इसे लगाने के पीछे की वजह? तो चलिए आज हम आपके इन्ही सवालों के जवाब देने जा रहे है…  

    मेहंदी लगाने के पीछे क्या है वजह 

    जी हां बता दें कि दुल्हन को मेहंदी लगाने के पीछे धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारण भी होता है। जहां तक हम सब जानते है शादी हर किसी के लिए एक बहुत  बड़ा फैसला होता है, बहुत बड़ा दिन होता है ऐसे समय में दूल्हा और दुल्हन में घबराहट होने लगती है। मेहंदी एक वनस्पति से बनाई जाती है, इसलिए जब हाथों और पैरों में मेहंदी लगाई जाती है तो यह ठंडक देती है।

    जानकारी के लिए बता दें कि जब दुल्हन के हाथ-पैरों में मेहंदी रचाई जाती है तो इससे शरीर का तापमान कम होता है, और ऐसा करने से दूल्हा-दुल्हन की घबराहट भी कम होती है। इस  वजह से दूल्हा और दुल्हन के हाथों और पैरों में मेहंदी लगाई जाती है, ताकि घबराहट की वजह से शरीर का जो तापमान बढ़ता है वह ठंडा हो सकें। 

    ये है और भी एक वजह…. 

    अभी जो हमने मेहंदी लगाने के पीछे की वजह बताई थी वह थी वैज्ञानिक कारण, लेकिन मेहंदी लगाने के पीछे और भी एक  कारण है, जी हां  इसके अलावा मेहंदी प्यार की निशानी भी माना जाता है।  मान्यता है कि जिस दूल्हा-दुल्हन के मेहंदी का रंग जितना गाढ़ा होगा, उनके बीच उतना ही ज्यादा प्यार बढ़ेगा।

    जितने लंबे समय तक मेहंदी का रंग चढ़ा रहता है, कपल के लिए यह भाग्यशाली माना जाता है। मेहंदी दुल्हन की खूबसूरती में चार चांद भी लगाती है, इसके साथ यह काफी पवित्र भी मानी जाती है। मेहंदी महिलाओं के श्रृंगार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।