वाशिंगटन. अमेरिका के एक वरिष्ठ सांसद ने चीनी हैकरों (Chinese Cyber Attack) द्वारा भारत की पावर ग्रिड प्रणाली को निशाना बनाने संबंधी रिपोर्ट के मद्देनजर सोमवार को बाइडन प्रशासन (Biden Administration) से भारत (India) का साथ देने का अनुरोध किया। साइबर हमले जैसी गतिविधियों की निगरानी करने वाली एक अमेरिकी कंपनी की रिपोर्ट में भारत की पावरग्रिड प्रणाली को निशाना बनाने की बात सामने आयी है।
सांसद फ्रैंक पैलोन (Frank Pallone) ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘अमेरिका को निश्चित रूप से हमारे रणनीतिक साझेदारों के साथ खड़ा रहना चाहिए और भारत के पावर ग्रिड पर चीन के खतरनाक साइबर हमले की निंदा करनी चाहिए, जिसकी वजह से महामारी के दौरान अस्पतालों को जनरेटरों का सहारा लेना पड़ा” पैलोन ने ट्वीट किया, ‘‘हम चीन को बल प्रयोग और डर के माध्यम से क्षेत्र में प्रभुत्व कायम करने की अनुमति नहीं दे सकते।” इससे एक दिन पहले ही अमेरिका में मैसाचुसेट्स की कंपनी ‘रिकॉर्डेड फ्यूचर’ ने अपने हालिया अध्ययन में दावा किया कि भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव के दौरान चीन सरकार से जुड़े हैकरों के एक समूह ने ‘‘मालवेयर” के जरिए भारत की पावरग्रिड प्रणाली को निशाना बनाया। आशंका है कि पिछले साल मुंबई में बड़े स्तर पर बिजली आपूर्ति ठप होने के पीछे शायद यही मुख्य कारण था। ‘रिकॉर्डेड फ्यूचर’ ने अपनी हालिया रिपोर्ट में चीन के समूह ‘रेड इको’ द्वारा भारतीय ऊर्जा क्षेत्र को निशाना बनाए जाने का जिक्र किया है।
The U.S. must stand by our strategic partner and condemn China’s dangerous cyber-attack on India’s grid, which forced hospitals to go on generators in the midst of a pandemic.
We cannot allow China to dominate the region through force and intimidation. https://t.co/1pMi2TMy3p
— Rep. Frank Pallone (@FrankPallone) March 1, 2021
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह इस रिपोर्ट से अवगत है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘ हम कहेंगे कि इस संबंध में विस्तार से जानकारी हासिल करने के लिए आप यह रिपोर्ट देने वाली कंपनी से संपर्क करें। विदेश विभाग साइबर जगत में किसी भी प्रकार के खतरे से निपटने के लिए दुनिया में विभिन्न भागीदारों के साथ मिलकर काम करता है।” प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम साइबर जगत समेत विभिन्न क्षेत्रों में सरकारों की खतरनाक और दमनात्मक कार्रवाई को लेकर चिंतित हैं और साइबर सुरक्षा, महत्वपूर्ण आधारभूत संरचना तथा आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा को लेकर संयुक्त कदम की महत्ता को रेखांकित करते हैं।” (एजेंसी)