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नई दिल्ली : तुर्की और सीरिया में 6 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप से (Turkey-Syria Earthquake) बचने के लिए लगातार कोशिश जारी है, लेकिन मौत का आंकड़ा दिन-प्रतिदिन बढ़ता (Death cases) ही जा रहा है। बता दें कि तुर्की और सीरिया में तबाही मचाने वाले भूकंप से मरने वालों की संख्या अब  50,000 से भी अधिक हो गई है। 

तुर्की के राष्ट्रपति ने इस भूकंप को “सदी की आपदा” करार दिया है। इस भयानक भूकंप से सबसे ज्यादा तबाही तुर्की में हुई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 6 फरवरी को आए भूकंपों के कारण तुर्की और सीरिया में मरने वालों की संख्या संयुक्त रूप से 50,000 से अधिक हो गई है; इस क्षेत्र में 5,20,000 अपार्टमेंट वाली 1,60,000 से अधिक इमारतें ढह गई हैं या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। अनुमान है कि इस भूकंप से करीब 15 लाख लोग हुए बेघर हुए हैं। 

बता दें कि तुर्की और सीरिया (Turkey-Syria) में 6 फरवरी को आए भूकंप के बाद हालहीं में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंपीय केंद्र के मुताबिक तुर्की-सीरिया सीमा क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई। इस दौरान कम से कम 213 लोग घायल हुए थे। जबकि, सीरिया के एलेप्पो में मलबा गिरने से छह लोग घायल  हुए थे। 

तुर्की -सीरिया में भीषण भूकंप से मची तबाही के बाद दुनियाभर के देश तुर्की की मदद के लिए आगे आए हैं। भारत हर तरह से तुर्की की मदद में जुटा हुआ है। वो चाहे NDRF की टीम हो या फिर मेडिकल हेल्प हो। हालांकि भारतीय मेडिकल टीम अब अपने देश वापस आ गई है। गौरतलब है कि भूकंप के बाद यहां मलबे में कई दिनों तक दबे हुए जिंदा बच्चों को भी बाहर निकाला  गया