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नई दिल्ली: भारत के पड़ोसी देश नेपाल (Nepal) में भूकंप (Earthquake) आने का क्रम फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है। इस बाबत आज राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार नेपाल में सुबह 7:24 पर 5.3 तीव्रता का एक बड़ा भूकंप आया। वहीं इस भूकंप के तेज झटके भारत के भी कई हिस्सों में महसूस हुए हैं। इसका असर बिहार में भी देखा गया है। नेपाल की सीमा से लगे बिहार के कई जिलों में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए हैं। 

हालांकि अब तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर कोई नहीं है। जानकारी दें कि इससे पहले बीते 16 अक्टूबर को भी नेपाल के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस हुएथे। तब भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.8 आंकी गई थी।  

जब 30 मिनट में दो बार आया था भूकंप 
गौरतलब है कि वहीं इससे पहले बीते 03 अक्टूबर को भी दोपहर 2.40 बजे नेपाल के कई हिस्सों में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किये गए थे। तब इस भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर तक महसूस हुए थे ।तब आधे घंटे में दो बार नेपाल में भूकंप के झटके आए थे। इसमें पहला भूकंप दोपहर 2.25 बजे और दूसरा 2.51 बजे आया था। नेपाल में भी भूकंप के झटके इतनी तेज थे कि डर की वजह से लोग घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए।

नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के अनुसार भूकंप की तीव्रता 6.2 रही थी।तब भूकंप का केंद्र पश्चिमी नेपाल में रिकॉर्ड किया गयाथा. नेपाल के बझांग-चैनपुर में ज्यादा असर देखा गया था। यहां से लेकर राजधानी काठमांडू और फिर पड़ोसी भारत के आसपास के राज्यों झटके महसूस किए गए थे।

क्यों आता है भूकंप 
दरअसल हमारी धरती मुख्य तौर पर 4 परतों से निर्मित है। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। जानकारी दें कि इस क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर के नाम से भी जाना जाता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई रहती है। इसे दुसरे शब्दों में टैकटोनिक प्लेट्स भी कहा जाता है। यही ‘टैकटोनिक प्लेट्स’ अपनी जगह पर हिलती-डुलती रहती हैं।

लेकिन जब ये प्लेट जरुरत से बहुत ज्यादा ही हिलने लगती है तो उसे हम भूकंप कहते हैं। ये प्लेट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल-डुल सकती हैं। इसके बाद वह स्थिर होते हुए अपनी जगह तलाशती हैं इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाता है। जिससे भूकंप बनता है और जबरदस्त तरंगे आती हैं।