पेरिस: मानव तस्करी (Human Trafficking) के संदेह में फ्रांस (France) के अधिकारियों ने जिस विमान को रोक रखा है उसके 303 यात्री रविवार को हवाई अड्डे पर न्यायाधीश के समक्ष पेश होंगे, जिससे यात्रियों को और अधिक समय तक हिरासत में रखने के संबंध में फैसला हो सकेगा। यात्रियों में अधिकतर भारतीय हैं। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दुबई से 303 यात्रियों को लेकर निकारागुआ (Nicaragua) के लिए उड़ान भरने वाले विमान को ‘‘मानव तस्करी” (Human Trafficking) के संदेह में बृहस्पतिवार को मार्ने (Marne) स्थित चालोन्स-वैट्री (Chalons-Vatry) हवाई अड्डे पर रोक लिया गया था।
रविवार शुरू होगी सुनवाई
फ्रांसीसी समाचार प्रसारण टेलीविजन और रेडियो नेटवर्क ‘बीएफएम टीवी’ ने बताया कि उड़ान के यात्रियों को हवाई अड्डे के प्रतीक्षा क्षेत्र में रखा जाए या नहीं, यह तय करने के लिए स्वतंत्रता और हिरासत मामलों के न्यायाधीश के समक्ष सुनवाई इस रविवार से शुरू होगी। चालोन्स-एन-चैम्पेन के वकील और अध्यक्ष फ्रैंकोइस प्रोक्यूरर ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि फ्रांस में ऐसा पहले हुआ है या नहीं।” पेरिस से 150 किलोमीटर पूर्व में मार्ने स्थित वैट्री हवाई अड्डे पर अदालत कक्ष बनाए जाने की तैयारी की जा रही है। हवाई अड्डा ज्यादातर किफायती एयरलाइन को सेवा प्रदान करता है।
विमान के 303 यात्रियों को इस रविवार सुबह नौ बजे से सोमवार तक न्यायाधीश के सामने उपस्थित होना होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कोई विदेशी नागरिक फ्रांस में उतरता है और उसे अपने इच्छित गंतव्य पर जाने से रोका जाता है, तो फ्रांसीसी सीमा पुलिस शुरू में चार दिन तक उसे रोककर रख सकती है। फ्रांस का कानून इस अवधि को आठ दिन तक बढ़ाने की अनुमति देता है। अगर कोई न्यायाधीश इसे मंजूरी दे देता है तो असाधारण परिस्थितियों में आठ दिन और अधिकतम 26 दिन तक यात्री को रोककर रखा जा सकता है। फ्रैंकोइस ने कहा, ‘‘यह अत्यावश्यक है क्योंकि हम विदेशियों को 96 घंटे से अधिक प्रतीक्षा क्षेत्र में नहीं रख सकते। इसके अलावा स्वतंत्रता और हिरासत मामलों के न्यायाधीश को उनके भाग्य पर फैसला करना है।”
मामले पर भारतीय दूतावास ने क्या कहा?
भारतीय दूतावास ने शनिवार को कहा कि वह वर्तमान में वैट्री हवाई अड्डे पर भारतीयों की सलामती और स्थिति के शीघ्र समाधान के लिए फ्रांस सरकार के साथ काम करना जारी रखेगा। दूतावास ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि दूतावास के राजनय-कर्मी हवाई अड्डे पर मौजूद हैं। हवाई अड्डे के ‘रिसेप्शन हॉल’ को प्रांतीय प्रशासन ने विदेशियों के लिए प्रतीक्षा क्षेत्र में बदल दिया है। टेलीविजन नेटवर्क ने बताया कि एक साथ चार सुनवाई आयोजित की जाएंगी, जिसमें चार न्यायाधीश, चार लिपिक, इतने ही दुभाषिए और कम से कम चार वकील होंगे। फ्रैंकोइस ने कहा, ‘‘हम हर चीज से बहुत दूर वैट्री में हैं… हमें यहां से स्थानांतरित करने पर विचार किया जा सकता है, लेकिन इन सभी लोगों के पास अधिकार हैं। हम तेजी से काम कर रहे हैं… यह अभूतपूर्व है, हम सभी एकजुट हैं।”
Continue to work with French Gov for the welfare of the Indians currently at the Varty airport, 150 km East of Paris, & for early resolution of the situation.
Embassy consular staff stationed there.
Thank French authorities for working on this through the long holiday weekend.
— India in France (@IndiaembFrance) December 23, 2023
यात्रियों में नाबालिग भी शामिल
यात्रियों में 11 नाबालिग भी हैं जिनके साथ कोई नहीं है और प्रसारक के अनुसार उनमें से छह पहले ही फ्रांस में शरण को लेकर अनुरोध के लिए कदम उठा चुके हैं। समाचार नेटवर्क ने फ्रैंकोइस के हवाले से कहा, ‘‘इन लोगों से पूछताछ करनी होगी और उन्हें बताया जाएगा कि वे राजनीतिक शरणार्थी स्थिति से लाभान्वित हो सकते हैं या नहीं।” मार्ने के पूर्वोत्तर विभाग के प्रांतीय प्रशासक ने कहा कि रोमानियाई कंपनी लीजेंड एयरलाइंस द्वारा संचालित ए340 विमान बृहस्पतिवार को उतरने के बाद वैट्री हवाई अड्डे पर ही खड़ा रहा।
मानव तस्करी का शिकार होने की आशंका
अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, प्रांतीय प्रशासक ने कहा कि विमान को ईंधन भरना था और इसमें 303 भारतीय नागरिक सवार थे जो संभवत: संयुक्त अरब अमीरात में काम करते थे। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय यात्रियों ने मध्य अमेरिका पहुंचने के लिए यात्रा की योजना बनाई होगी, जहां से वे अवैध रूप से अमेरिका या कनाडा में प्रवेश करने का प्रयास कर सकते थे। लेकिन एक गुमनाम सूचना में यात्रियों के एक संगठित गिरोह के माध्यम से ‘‘मानव तस्करी का शिकार होने की आशंका” जताई गई, जिससे अधिकारी सतर्क हो गए। पेरिस अभियोजक कार्यालय के अनुसार संगठित अपराध के खिलाफ लड़ाई के लिए राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार (जेयूएनएलसीओ) द्वारा की गई जांच का उद्देश्य मानव तस्करी के संदेह को ‘‘सत्यापित” करना है कि क्या कोई तत्व इसमें शामिल है।
दोषी को हो सकता है 20 साल का कारावास
संगठित गिरोह द्वारा मानव तस्करी किए जाने के संदेह को सत्यापित और पुष्टि करने के प्रयास में बृहस्पतिवार को दो लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया था। इस अपराध के लिए दोषी को 20 साल के कारावास और 30 लाख यूरो जुर्माने का प्रावधान है। लीजेंड एयरलाइंस की वकील लिलियाना बाकायोको ने तस्करी में कंपनी की संलिप्तता से इनकार किया। उन्होंने ‘बीएफएमटीवी’ से कहा कि कंपनी फ्रांसीसी अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है और उम्मीद है कि विमान अगले कुछ दिनों में सेवा में आ सकता है।
(एजेंसी)