H -1B वीजा निलंबन से प्रवासी श्रमिकों पर निर्भर अमेरिकी कारोबारों को होगा नुकसान: अमेरिका सांसद

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वॉशिंगटन. अमेरिकी सांसदों ने कहा है कि एच1-बी वीजा और अन्य गैर आव्रजक वीजा के अस्थायी निलंबन से एशिया के उच्च कौशल प्राप्त कर्मियों के साथ-साथ उन अमेरिकी कारोबारों को नुकसान होगा, जो प्रवासी कर्मियों पर निर्भर करते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में नौकरी करने की इच्छा रखने वाले भारतीय आईटी पेशेवरों को झटका देते हुए एच-1बी वीजा के साथ ही अन्य विदेश कामकाजी वीजा जारी करने पर इस साल के अंत तक रोक लगाने की सोमवार को आधिकारिक घोषणा की। सांसद जूडी चू ने कहा, ‘‘इससे एशिया के वे उच्च दक्षता प्राप्त कर्मी प्रभावित होंगे, जो एच-1बी वीजा प्रणाली का व्यापक स्तर पर इस्तेमाल करते हैं। अमेरिका में एच1-बी वीजा धारकों में से 80 प्रतिशत एशिया के लोग ही हैं।” उन्होंने रेखांकित किया कि प्रवासी अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अहम हैं और वे कृषि एंव चिकित्सकीय क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि कारोबार और अकादमिक जैसे क्षेत्रों के लिए भी आवश्यक है।

चू ने कहा, ‘‘यदि हम कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर हमारी अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर लाना चाहते हैं, तो हम प्रवासियों का आना बंद नहीं कर सकते। राष्ट्रपति का आदेश चुनावी वर्ष में उनकी राजनीति को हमारे देश की आवश्यकताओं से ऊपर रखता है।” उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का यह आदेश ऐसे समय पर प्रवासियों को जोखिम में डाल रहा है, जब घृणा अपराध बढ़ रहे हैं। ‘हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी’ के अध्यक्ष एवं सांसद जेरोल्ड नाडलर और आव्रजन एवं नागरिकता समिति के अध्यक्ष जो लोफग्रेन ने संयुक्त बयान में कहा कि डोनाल्ड ट्रंप कोविड-19 से निपटने में अपनी नाकामी से अमेरिकी जनता का ध्यान हटाने के प्रयास में एक बार फिर कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं। इसके अलावा सांसद एना जी एशू और फिलेमन वेला ने भी इस आदेश की निंदा की। दूसरी ओर, सांसदों मू ब्रूक्स और लांस गूडन ने इस आदेश का समर्थन किया। ट्रंप ने कहा है कि उनका यह आदेश उन लाखों अमेरिकियों की मदद के लिए जरूरी है, जिन्होंने मौजूदा आर्थिक संकट की वजह से नौकरियां गंवा दी हैं।(एजेंसी)