भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोड नेटवर्क, लेकिन सड़क दुर्घटनाएं सबसे बड़ी चुनौती: नितिन गडकरी

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प्राग. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने सोमवार कहा कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोड नेटवर्क हैं। साथ ही हम दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्र भी हैं। लेकिन भारत सबसे ज्यादा दुर्घटनाओं का भी सामना कर रहा है। यह एक बड़ी चुनौती है।

भारत में मानसिकता बदलने की जरूरत

नितिन गडकरी चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में आयोजित 27वीं विश्व सड़क कांग्रेस में बोल रहे थे। नितिन गडकरी ने कहा, “हम दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क हैं और साथ ही हम दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्र भी हैं। ये दो ताकतें हैं लेकिन साथ ही हम सबसे ज्यादा दुर्घटनाओं का सामना भी कर रहे हैं। यह देश के लिए बड़ी चुनौती है। हमने विशेष कदम उठाए हैं, कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए संसद में कानून पारित किया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मानव व्यवहार बहुत महत्वपूर्ण है। हमारे देश में हमें मानसिकता बदलने की जरूरत है।”

जागरूकता पैदा करने शैक्षणिक संस्थानों की मदद

गडकरी ने कहा, “हमने सड़क सुरक्षा एजेंडा को प्रारंभिक शिक्षा प्रणाली में पहले ही शामिल कर दिया है। लोगों के मन में जागरूकता पैदा करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों और सामाजिक संगठनों की मदद लेना जरूरी है। दुर्घटनाओं के कारण हमें सकल घरेलू उत्पाद का 3% नुकसान हो रहा है।”

भारत में हर साल 4.5 लाख सड़क हादसे

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सड़क हादसों के मामले में भारत का रिकॉर्ड खराब है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में हर साल लगभग साढ़े चार लाख दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें डेढ़ लाख लोगों की जान जाती है। गडकरी ने कहा कि भारत स्टॉकहोम घोषणा में निर्धारित वैश्विक सड़क सुरक्षा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं और मौतों को कम करने के लिए सभी स्तरों पर विभिन्न संबद्ध पक्षों द्वारा व्यापक नजरिया अपनाने पर जोर दिया। स्टॉकहोम घोषणा का लक्ष्य 2030 तक सड़कों पर होने वाली मौतों और गंभीर चोटों की संख्या को घटाकर आधा करना है।