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    नई दिल्ली. बहुत दिनों से भयंकर आर्थिक तंगी, खराब अर्थव्यवस्था और तंगहाली से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए एक राहतभरी खबर है। दरअसल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के कार्यकारी निदेशक ने बीते सोमवार को पाकिस्तान (Pakistan) के विस्तारित कोष सुविधा (EAF) कार्यक्रम को फिर से बहाल करने की जरुरी मंजूरी दे दी है। इस फैसले के चलते अब पाकिस्तान को 7वीं और 8वीं किस्त के रूप में 1.17 अरब डॉलर उधार मिलेंगे। 

    मामले पर पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने कहा कि, IMF ने EAF कार्यक्रम फिर से बहाल करने को मंजूरी दी है। उन्होंने इस बाबत ट्विटर पर लिखा है, “हमें 7वीं और 8वीं किस्त के रूप में 1.17 अरब डॉलर मिलेंगे।” बता दें की इसके पहले पाकिस्तान और IMF ने बीते जुलाई, 2019 में 6 अरब डॉलर का समझौता किया था लेकिन जनवरी, 2020 में यह कार्यक्रम अटक गया और इस साल मार्च में इसे कुछ समय के लिए इसे फिर बहाल किया गया।

    1.2 बिलियन अमरीकी डालर तुरंत पाकिस्तान को 

    मामले पर डान अखबार ने बताया कि, IMF अब तुरंत पाकिस्तान को लगभग 1.2 बिलियन अमरीकी डालर का वितरण करेगा और चालू वित्त वर्ष के शेष भाग में 4 बिलियन अमरीकी डालर तक इस बाबत प्रदान कर सकता है, जो बीते 1 जुलाई से शुरू हुआ था। हालांकि, वैश्विक ऋणदाता द्वारा एक आधिकारिक बयान जारी किया जाना फिलहाल बाकी है।

    कई देशों से उधार ले चुका पाक

    वहीं अन्य मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान अब तक चीन, सऊदी अरब, कतर और UAE से ऋण, वित्तपोषण, अस्थगित तेल भुगतान और 12 बिलियन अमरीकी डालर के करीब निवेश प्रतिबद्धताओं को सुरक्षित करने में कामयाब रहा है। इससे नकदी की कमी वाले इस देश को फिलहाल डिफाल्ट से बचने में मदद मिलेगी।

    पर्दे के पीछे से अमेरिका कर रहा मदद

    इधर  मामले पर यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस में दक्षिण एशिया कार्यक्रमों के निदेशक तमन्ना सालिकुद्दीन के अनुसार कई मतभेदों के बाद भी अमेरिका अभी भी IMF के माध्यम से ऋण का समर्थन कर रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वह अफगानिस्तान की सीमा पर फिलहाल कोई भी संकट नहीं देखना चाहता है। इस तरह पाकिस्तान एक बार फिर डिफाल्ट होने से बचा है।