पाकिस्तान: बलूचिस्तान में आतंकी हमला, 4 चीनी इंजीनियरों समेत 13 की मौत; बलोच लिबरेशन आर्मी ने ली हमले की जिम्मेदारी

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कराची. पाकिस्तान (Pakistan) के अशांत प्रांत बलूचिस्तान (Balochistan) के बंदरगाह शहर ग्वादर में रविवार दोपहर चीनी इंजीनियरों पर आतंकी हमला हुआ। जिसमें 4 चीनी इंजीनियर, 9 पाकिस्तानी सैनिक और दो आतंकी मारे गए हैं, जबकि 27 लोग घायल हुए हैं।

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक यह प्रमुख बंदरगाह अरबों डॉलर की लागत वाले ‘चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे’ (सीपीईसी) का एक प्रमुख बिंदु है। यहां सीपीईसी के एक थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए यहां चीनी इंजीनियर मौजूद हैं। सीपीईसी परियोजना के तहत चीन बलूचिस्तान में भारी निवेश कर रहा है। दो साल पहले भी यहां चीनी इंजीनियरों पर फिदायीन हमला हुआ था। उसमें 9 इंजीनियर मारे गए थे।

पाकिस्तानी सरकार और सेना की ओर से मरने वालों के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। हालांकि, सेना ने दो आतंकी मारे जाने का दावा किया है। बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। उसने इस हमले को ‘आत्म-बलिदान वाला ऑपरेशन’ बताया।

बलोच लिबरेशन आर्मी ने बयान में कहा, “बीएलए मजीद ब्रिगेड ने आज ग्वादर में चीनी इंजीनियरों के एक काफिले को निशाना बनाया। हमला अभी भी जारी है।”

बीएलए प्रवक्ता जीयांद बलूच के अनुसार, बीएलए मजीद ब्रिगेड के दो ‘फिदायीन’ दश्त निगोर के नवीद बलोच उर्फ ​​असलम बलोच और गेशकोर अवारान के मकबूल बलूच उर्फ ​​कयिम बलोच ने आज ग्वादर में चीनी इंजीनियरों के एक काफिले को निशाना बनाया। आगे उसने कहा कि ऑपरेशन ‘ज़िरपहाज़ग’ दो घंटे से अधिक समय तक जारी रहा।

जीयांद ने कहा, “अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, कम से कम चार चीनी नागरिक और पाकिस्तानी सेना के नौ जवान मारे गए और कई घायल हो गए। यह प्रारंभिक जानकारी है और दुश्मन के नुकसान की संख्या बढ़ सकती है।” जीयांद ने कहा, “ऑपरेशन के सफल क्रियान्वयन के बाद, बीएलए सेनानियों ने अपनी जिंदगी खत्म करने के लिए अपनी आखिरी गोलियां चुनीं।”

द बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी इंजीनियरों के काफिले पर हमला सुबह करीब साढ़े नौ बजे हुआ और करीब दो घंटे तक भीषण गोलीबारी चली। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में दो आतंकवादियों को मार गिराया। बलूचिस्तान पोस्ट ने सूत्रों के हवाले से बताया कि अन्य आतंकवादी घायल हालत में मौके से भाग गए।

गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान द्वारा सरकार के साथ अपना संघर्षविराम समाप्त किए जाने के बाद विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। पिछले महीने बलूचिस्तान के झोब और सुई इलाकों में अभियान के दौरान पाकिस्तानी सेना के 12 सैनिक मारे गए थे।