rape
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महिलाओं (Women) के साथ दुर्व्यवहार (Misbehave) और रेप (Rape) जैसी घटनाएं बहुत सालों से होती चली आ रही हैं। जिसका आज तक कोई हल (Solution) सही तरह से नहीं निकल पाया है। शायद ही दुनिया (World) का कोई ऐसा देश (Country) हो जहां महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार या रेप न होता हो। इससे जुड़े कई कानून (Law) भी हैं, लेकिन आरोपियों (Accused) को सज़ा (Punishment) दिलवाने के लिए पीड़िता (Victim) और उनके परिवार (Victim Family) को दर-दर की ठोकर खानी पड़ती हैं।  साथ ही बहुत से लोग तो यह सुझाव (Suggestion) भी देते हैं कि आरोपी को माफ़ (Forgive) कर चीज़ों को भुला देना चाहिए, लेकिन ऐसी घटना की कोई माफ़ी नहीं होती है। पर आज हम आपको एक ऐसी रेप पीड़ित (Rape Victim) महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने आरोपी को माफ़ कर दिया है।

यह महिला कनाडा (Canada) की रहने वाली हैं, उनकी उम्र 25 वर्ष (25 Years) है। उन्होंने अपने साथ हुए रेप की घटना को भुलाकर आरोपी को माफ़ करने का फैसला (Decision) लिया था। महिला का कहना है कि लोगों को इस बात पर ज़्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए कि आरोपी को सज़ा होनी चाहिए, बल्कि इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि पीड़ित के ज़ख्मों को कैसे भरा जाए और उन्हें फिर से अपनी जिंदगी जीने का सलीका सिखाया जाए। जिसके बाद इस महिला की सोच बेहद अनोखी मानी जा रही है। 

4 घंटे बात करने के बाद दी माफ़ी-
जिस शख्स ने इस महिला का रेप किया था, उसी के साथ इस महिला ने साल 2019 में 4 घंटे तक बातचीत की थी। जिसके बाद उसने आरोपी को माफ़ करने का फैसला लिया और उसे माफ़ भी किया। यह पूरी प्रक्रिया कानूनी दायरे में रहकर ही की गई थी। महिला इसपर कहती है कि वह अपने अतीत को भुलाकर आगे बढ़ना चाहती है, साथ ही वे यौन हिंसा का शिकार हुई महिलाओं की मदद करना चाहती हैं। इसके अलावा महिला ने निडर होकर अपने नाम को उजागर करने के लिए भी कनाडा को अनुमति दी थी।    

कनाडा के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के अनुसार, रेस्टोरेटिव जस्टिस प्रोसेस अपराध से होने वाले नुकसान की भरपाई पर आधारित है. इस प्रक्रिया के माध्यम से पीड़ित पक्ष की ज़रूरतों की भरपाई की जाती है, लेकिन इसी प्रक्रिया के दौरान पीड़ित महिला ने अरोपी से 4 घंटे बात की और उसे माफ़ी दे दी. वहीं दुनिया में ऐसे कम ही मामले देखने को मिलते हैं जहाँ रेप के आरोपी को माफ़ी दी जाती है. यह महिला अब समाज में हो रहे महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाती हैं, साथ ही रेप जैसी हिंसा झेल चुकी महिलाओं को आगे बढ़ने का हौसला देती हैं और उन्हें अपनी जिंदगी जीने का सलीका सिखाती हैं।