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    नई दिल्ली. रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के बीच आ रही बड़ी खबर के अनुसार, अब इन दोनों देश में स्पेस वॉर (Space War)  का डर बैठ गया है। दरअसल सूत्रों के अनुसार, इस हो रहे युद्ध के दौरान अंतरिक्ष में रूसी सैटेलाइट में भी एक जोरदार धमाका हुआ है और वह 85 टुकड़ों में बंट गया है। मामले पर अमेरिका के स्पेस फोर्स ने सैटेलाइट के नष्ट होने की जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि, रूस ने 3 सैटेलाइट को बड़े ही गुपचुप तरीके से अपनी जमीन से लॉन्च किया था।

    क्या अमेरिका कुछ छुपा रहा 

    वहीं मामले पर अमेरिकी अंतरिक्ष बल के 18वें अंतरिक्ष रक्षा स्क्वाड्रन (18वें SDS) के अनुसार, कोस्मोस 2499 अंतरिक्ष उपग्रह बीते 3 जनवरी की रात को विघटित हो गया था, जो कि पृथ्वी की तय कक्षा में मानव निर्मित वस्तुओं को ट्रैक करता है।

    विघटन घटना ने ट्रैक करने योग्य मलबे के कम से कम 85 टुकड़े देखें गए हैं, जो 18वें SDS ने बीते सोमवार 6 फरवरी को ट्विटर के माध्यम से कहा था। वहीं अब अंतरिक्ष कबाड़ का वह बादल पृथ्वी से 726 मील (1,169 किलोमीटर) ऊपर परिक्रमा कर रहा है। यह कबाड़ अब इतना ऊँचा कि इसे नीचे लाने के लिए वायुमंडल को खींचने में एक सदी या उससे अधिक समय लगेगा। हालाँकि सवाल अब भी यह है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच में ही अचानक यह कोस्मोस 2499 अंतरिक्ष उपग्रह अंतरिक्ष में विघटित हो गया। 

    जानकारी दें कि इन सबके बीच ब्रिटेन में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मुलाकात के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की देर रात UK के विमान से फ्रांस भी पहुंचे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और जर्मन चांसलर ओलफ शोल्ज से डिनर पर एक जरुरी मुलाकात की। जेलेंस्की ने रूस को कड़ी चुनौती देने के लिए फ्रांस और जर्मनी से जल्द से जल्द फाइटर जेट्स और बड़े हथियार भेजने का भी आग्रह किया।

    वहीं मामले पर राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि “फ्रांस जीत, शांति, यूरोप और लोगों को उनके अधिकार दिलाने के लिए यूक्रेन के साथ है। हम यूक्रेन को मदद पहुंचाने के लिए अपनी कोशिशें जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में पूरे यूरोप का भविष्य दांव पर लगा है। रूस जीत नहीं सकता है और न ही उसे जीतना चाहिए।”

    हालांकि इधर फ्रेंच मीडिया के मुताबिक, जेलेंस्की कई बार जंग और यूक्रेन के प्रति राष्ट्रपति मैक्रों की प्रतिक्रिया को लेकर खासें परेशान रहे हैं। मैक्रों ने जंग शुरू होने के बाद कई बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत भी की थी। उन्होंने जंग रोकने के लिए किसी भी अंतिम समझौते में रूस के हितों का ध्यान रखने को लेकर भी अपनी गहन चिंता व्यक्त की थी।