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    अंताक्या (तुर्की), 12 फरवरी (एपी) तुर्की में आये विनाशकारी भूकंप के छह दिनों बाद बचावकर्ताओं ने एक गर्भवती महिला और दो बच्चों समेत कुछ जीवित बचे लोगों को इमारतों के मलबे से निकाला। वहीं दूसरी ओर तुर्की के न्याय अधिकारी अवैध निर्माण गतिविधियों में कथित तौर पर शामिल 130 से अधिक लोगों की जांच कर रहे हैं।

    तुर्की और सीरिया में सोमवार को आये भूकंप में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या रविवार को 33,179 हो गई, जबकि 92,600 से अधिक लोग घायल हुए हैं। बचाव अभियान अभी जारी है। मलबे के नीचे दबे लोगों को बचाने के लिए बचावकर्मी पिछले पांच दिन से कड़ाके की ठंड में लगातार मशक्कत कर रहे हैं।

    तुर्की की सरकारी समाचार एजेंसी ‘अनादोलु’ की खबर के अनुसार तुर्की के न्याय मंत्री बेकिर बोजदाग ने रविवार को कहा कि 134 लोगों की उन इमारतों के निर्माण में कथित जिम्मेदारी के लिए जांच की जा रही है जो भूकंप में ढह गई। उन्होंने कहा कि तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और सात लोगों को हिरासत में लिया गया है।

    तुर्की के न्याय मंत्री ने कहा कि इमारतों के ढहने के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जायेगा। अभियोजकों ने निर्माण में प्रयुक्त सामग्री के बारे में साक्ष्य के लिए इमारतों के मलबे के नमूने एकत्र करना शुरू कर दिया है। निजी समाचार एजेंसी ‘डीएचए’ और अन्य मीडिया की खबरों में कहा गया है कि इस्तांबुल हवाईअड्डे पर अधिकारियों ने रविवार को अदियामान में कई इमारतों की तबाही के लिए जिम्मेदार दो ठेकेदारों को हिरासत में लिया।

    खबर के अनुसार ये दोनों कथित तौर पर जॉर्जिया भाग रहे थे। डीएचए की खबर के अनुसार, गिरफ्तार ठेकेदारों में से एक यवुज काराकस ने रविवार को संवाददाताओं को बताया, ‘‘मेरी मंशा स्पष्ट है। मैंने 44 भवन बनाए। इनमें से चार नष्ट हो गये। मैंने सब कुछ नियमों के अनुसार किया है।”

    सरकारी समाचार एजेंसी ‘अनादोलु’ की खबर के अनुसार अधिकारियों ने गजियांतेप प्रांत में रविवार को दो लोगों को हिरासत में लिया, जिन पर एक इमारत में अतिरिक्त कमरा बनाने के लिए ‘पिलर’ को काटने का संदेह है। इस बीच जर्मन सरकार तुर्किए और सीरिया में भूकंप में बचे लोगों के लिए वीजा प्रतिबंधों में अस्थायी रूप से ढील देना चाहती है।

    जर्मन गृह मंत्री नैन्सी फ़ेजर ने शनिवार देर रात ट्वीट किया, ‘‘हम संकट के समय मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं। हम जर्मनी में तुर्की या सीरियाई परिवारों के लिए आपदा क्षेत्र से करीबी रिश्तेदारों को लाना संभव बनाना चाहते हैं।” (एजेंसी)