न्यूयॉर्क. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Pakistani PM Shehbaz Sharif) ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारत (India) के साथ शांति (Peace) प्राप्त करने की देश की इच्छा व्यक्त की। साथ ही उन्होंने कश्मीर का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि भारत कश्मीर पर अपने लंबे समय से चले आ रहे रुख पर अडिग रहा है कि पूरा केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है।
77वें संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) सत्र को संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि, “भारत को रचनात्मक जुड़ाव के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए विश्वसनीय कदम उठाने चाहिए। हम पड़ोसी हैं और हमेशा के लिए हैं, चुनाव हमारा है कि हम शांति से रहें या एक-दूसरे से लड़ते रहें।”
India must take credible steps to create enabling environment for constructive engagement. We are neighbours and we are there forever, the choice is ours whether we live in peace or keep on fighting with each other: Pakistan PM Shehbaz Sharif at #UNGA pic.twitter.com/90RcbEqFqr
— ANI (@ANI) September 23, 2022
शरीफ ने कहा, “1947 के बाद से हमने 3 युद्ध किए हैं और इसके परिणामस्वरूप दोनों तरफ केवल दुख, गरीबी और बेरोजगारी बढ़ी है। अब यह हम पर निर्भर है कि हम अपने मतभेदों, अपनी समस्याओं और अपने मुद्दों को शांतिपूर्ण बातचीत और चर्चा के माध्यम से हल करें।”
पाकिस्तानी पीएम ने कहा, “मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि भारत इस संदेश को समझे कि दोनों देश एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। युद्ध कोई विकल्प नहीं है, केवल शांतिपूर्ण संवाद ही मुद्दों को हल कर सकता है ताकि आने वाले समय में दुनिया और अधिक शांतिपूर्ण हो जाए।”
#WATCH | Pakistan PM Shehbaz Sharif rakes up Kashmir issue at #UNGA; , "…We look for peace with all our neighbours, incl India. Sustainable peace & stability in South Asia however remains contingent upon a just & lasting solution of Jammu & Kashmir dispute…"
(Source: UN TV) pic.twitter.com/kxmYV1EZQJ
— ANI (@ANI) September 23, 2022
वहीं, कश्मीर मुद्दे पर शहबाज शरीफ ने कहा, “हम भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांति चाहते हैं। दक्षिण एशिया में स्थायी शांति और स्थिरता हालांकि जम्मू-कश्मीर विवाद के न्यायसंगत और स्थायी समाधान पर निर्भर है।”
शहबाज शरीफ ने देश में आई विनाशकारी बाढ़ के बीच पाकिस्तान की स्थिति के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि, “1500 से अधिक लोग जिनमें 400 से अधिक बच्चे शामिल हैं वे बाढ़ में इस दुनिया से चले गए हैं। इससे कहीं अधिक बीमारी और कुपोषण से खतरे में हैं। जैसा कि हम बोलते हैं, लाखों जलवायु प्रवासी अभी भी अपने तंबू लगाने के लिए सूखी जमीन की तलाश कर रहे हैं।”