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यवतमाल. यवतमाल जिले की फूलों की खेती जुलाई और अगस्त में हुई बारिश से पूरी तरह से ध्वस्त हो गई. इसी कारण नवरात्रौ त्योहार के अवसर पर यवतमाल में पश्चिम महाराष्ट्र से फूलों की आवक हो रही है. यवतमाल जिले में गवला और करलगांव यहां पर बडे पैमाने पर फुलों की खेती की जाती है.  इस साल जुलाई और अगस्त महिने में जोरों की बारिश हुई, इसका असर सीधे फुलों के खेती पर दिखाई दिया.

बाभुलगांव तहसील के गलवा गांव में लगभग 10 से 15 किसान फुलों की खेती करते है. बारिश के वजह से अति बारीश की वजह से फुलों के खेती का भारी नुकसान हुआ है. गेंदू के फूल लगातार बारिश के चलते काले गिर गए. इसी वजह से त्योहारों के दिनों में फूलों की डीमांड बढती है. यवतमाल में नवरात्रौत्सव जोरों से मनाया जाता है. इसलिए यवतमाल में फूलों की मांग अधिक होती है. लेकिन जिले में फूलों की खेती तबाह होने से यवतमाल में अहमदनगर, नांदेड, हिंगोली, नागपुर आदि शहर से फूल मंगाए जा रहे है.

नवरात्र के पहले दिन यवतमाल में तीन ट्रक फूल आए थे. गेंदे के फुल 120 रुपए प्रति किलो दाम तो शेवंती, मोगरा अन्य फूलों के दाम 100 रुपयों के उपर है. फूलों के हारों का मूल्य 50 रुपए से लेकर 5 हजार रुपए तक है. गुलाब पुष्प प्रतिनग 5 से 10 रुपए मिल रहे हैं. पिछले साल 10 से 20 रुपए किलो गेंदे के फूलों के दाम थे, इस वर्ष लगातार बारिश के कारण फूलों की खेती बर्बाद हो गई, इसका असर सीधे फूलों के दाम पर गिर गया.  

मेरी खुद की फूलों की खेती है, लेकिन इस साल मेरी खेती लगातार बारिश से पूरी तरह से बर्बाद हो गई. मै फूलों खेती भी करता हूं और इसके अलावा मेरी फूलों के हार की दुकान है. विगतवर्ष गंदे के फूलों को मुफ्त में बाटे. 10 से 20 रुपए तक फूलों की माला का मूल्य था. इससाल फूलों की माला मूल्य 50 रुपए हो गई है. इसलिए गतवर्ष की तुलना में ग्राहकों की संख्या कम है. नवरात्रीत्सव, दशहरा, दिवाली सालभरे आमदनी होती है. हमारी आशा भी इन्हीं त्योहारों पर टीकी हुई है.

रणजीत अबलनकर, फुलविक्रेता, यवतमाल.