ड्राइविंग स्कूल को वित्तीय रियायतें और छूट देने की मांग

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वणी. लॉकडाउन के चलते जिले के सभी ड्राइविंग स्कूलो के समक्ष वत्तिीय संकट को देखते हुए सभी ड्राइविंग स्कूल को विभन्नि वत्तिीय रियायतें और छूट देने की मांग जनहीत ड्रायव्हिंग स्कूल संचालक महासंघ ने की है.मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन मे कहा गया है की 22 मार्च से, हमने अपने सभी ड्राइविंग स्कूलों को बंद कर दिया है, प्रशक्षिण बंद कर दिया है और कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण अनश्चिति काल तक बंद रहने की संभावना है  प्रत्येक स्कूल में कम से कम पाँच से पंद्रह कर्मचारी है. 

सभी को भुगतान करने की आवश्यकता है, क्योंकि ड्राइविंग एक कौशल है,  जो लोगों को रोजगार प्रदान करता है, इस तरह के कुशल कर्मचारियो को युही नहीं छोड़ा जा सकता है. इसके लिए प्रशक्षिण वाहनो को काम शुरू होने के बाद अगले दो वर्षों के लिए रियायती दरों पर ईंधन (डीजल-पेट्रोल) के साथ आपूर्ति की जानी चाहिए, राज्य सरकार द्वारा सरकारी मान्यता प्राप्त प्रशक्षिण स्कूल को नकद सहायता दी जानी चाहिए, सभी लाइसेंसों की वैधता (कच्ची-पक्की) को तब तक बढ़ाया जाना चाहिए जब तक कि लॉकडाउन खोला न जाए, लॉकडाउन खुलने पर अतिरक्ति मोटर वाहन निरीक्षकों की ड्यूटी लगाकर स्थायी लाइसेंस परीक्षण का कोटा दोगुना किया जाना चाहिए,  टीआर श्रेणी परीक्षण के लिए फॉर्म 5 ए और फॉर्म 5 मैनुअल लॉकडाउन खोलने के बाद स्वीकार किया जाना चाहिए, तालुका स्तर पर शिविरों की संख्या बढ़ाना और ऑफ-पीरियड काम पूरा करने के लिए सीखने और स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस का कोटा बढ़ाने की मांग महासंघ के अध्यक्ष संतोष कुमार जायसवाल और सचिव धम्मशिल बोरकर ने की है.