निजी कोविड अस्पताल अधिक राशि वसूलने मामले में जिलाधिकारी ने की सुनवाई

  • संबंधित को अतिरिक्त राशि वापस करने के निर्देश

Loading

यवतमाल. कोरोना वायरस की पृष्ठभूमि के खिलाफ जिले में रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, केंद्र सरकार, आईसीएमआर और राज्य सरकार ने दिशानिर्देशों के अनुसार शहर में एक समर्पित निजी अस्पताल शुरू करने की मंजूरी दी थी. हालांकि, इस निजी अस्पताल में सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, निर्धारित दर से अधिक राशि वसूल की गई, , शिकायतकर्ताओं की शिकायत पर जिलाधिकारी एम. देवेंद्र सिंह ने मामले में सुनवाई की. उन्होंने मामले में सच्चाई का सत्यापन करने के बाद संबंधित परिवार को अतिरिक्त राशि लौटाने का भी निर्देश दिए है.

यवतमाल की एक महिला को इलाज के लिए 13 अक्तूबर 2020 को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में दाखिल किया था. परीक्षण के दौरान, महिला की रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव निकली थी. 16 अक्तूबर की आधी रात को अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. संबंधित परिवार की ओर से जिलाधिकारी कार्यालय में एक शिकायत प्रस्तूत की गई थी जिसमें आरोप लगाया था कि, डेडिकेटेड कोविड अस्पताल ने इलाज के लिए खर्च के रूप में अग्रीम 97250 भुगतान किया था. 

इस मामले में, शिकायत को तुरंत हल किया जाना चाहिए और पीडित को न्याय दिया जाना मिलने हेतू जिलाधिकारी एम. डी. सिंह ने 20 नवंबर को अपने कक्ष में सुनवाई आयोजित की थी. सुनवाई के दौरान, जिलाधिकारी ने शिकायतकर्ता और संबंधित अस्पताल के संचालक के बयानों को सुना और शिकायत के संबंध में उपस्थित अधिकारियों द्वारा निकाले गए निष्कर्षों का सत्यापान भी किया. किसी भी डेडिकेटेड कोविड अस्पताल को सरकार के दिशानिर्देशों में उल्लिखित दर से अधिक शुल्क किसी भी मरीज ने नहीं लेना चाहिए. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को मामले की सत्यता की तुरंत जांच करने और उनके समक्ष रिपोर्ट प्रस्तूत करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को  दिए. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि प्रशासन किसी भी मरीज के साथ कोई अन्याय नहीं होने देगा.

सुनवाई के दौरान निवासी चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज तगडपल्लीवार, तहसीलदार डा. संतोष डोईफोडे, संबंधित अस्पताल के संचालक, जिला आपदा व्यवस्थापन अधिकारी सतीश मून, शिकायतकर्ता के पिता आदि उपस्थित थे.