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  • 50 लाख का बीमा कवच देने की मांग

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नागपुर. कोविड-१९ सर्वेक्षण के काम में लगे शिक्षक भी कोरोना के संक्रमण से नहीं बच पाये हैं. इनमें से 51 वर्षीय रामदास काकडे नामक शिक्षक की पहली मौत हुई है. शिक्षक के परिजनों को ५० लाख की आर्थिक मदद देने की मांग विदर्भ प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से ली गई है. इस संबंध में मिलिंद वानखेडे के नेतृत्व में विभागीय आयुक्त को एक जापन भी दिया गया.

बालाजी हाईस्कूल, हिंगणा रोड में कार्यरत शिक्षक काकडे को हिंगणा तहसील में कोविड-१९ सर्वेक्षण की जिम्मेदारी दी गई थी. कोविड सर्वेक्षण के कार्य से शिक्षकों को मुक्त करने के लिए शालेय शिक्षा विभाग ने १७ अगस्त को शिक्षणाधिकारी (प्राथ) के माध्यम से जिलाधिकारी को अवगत कराया था. इस संबंध में संगठन की ओर से भी मांग की गई थी. लेकिन प्रशासन की ओर ध्यान नहीं दिया गया.

कोरोना योध्दा के तौर पर शिक्षकों का समावेश नहीं किया गया. साथ ही ५० लाख के बीमा कवच के बारे में भी स्पष्टता नहीं थी. इन परिस्थितियों में भी २० जुलाई से जिले में शिक्षकों से सर्वेक्षण का काम कराया गया. सर्वेक्षण के दौरान ही काकड़े की तबीयत बिगड़ी.

इस बारे में हिंगना तहसील कार्यालय को भी अवगत कराया. लेकिन प्रशासन की ओर से काम तो करना ही होगा, इस तरह का आदेश दिया गया. तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें लता मंगेशकर हास्पिटल वानाडोंगरी हिंगणा में १२ सितंबर को भर्ती कराया गया था. जबकि बुधवार को उनकी मौत हो गई.

संगठन सर्वेक्षण करने वाले शिक्षकों को 50 लाख का बीमा कचव देने और तत्काल उपचार की सुविधा देने की मांग की गई है. इस संबंध में राजस्व उपायुक्त तेलंग ने मदद संबंधी प्रस्ताव शासन को भेजने और अन्य विषयों पर चर्चा के लिए जिलाधिकारी से मुलाकात करने का आश्वासन दिया.