साल था 1958 । प्रसिद्ध निर्माता निर्देशक वी शांताराम के सानिध्य में गायक महेंद्र कपूर ने ‘नवरंग’ फिल्म के ‘आधा है चन्द्रमा, रात आधी’ गीत से अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत की थी ।
गाना डुएट था। आशा भोंसले के साथ। इसका म्यूज़िक कंपोज़ किया था सी. रामचंद्र ने। पहला गाना होने के चलते महेंद्र कपूर नर्वसाए हुए थे। ऊपर से रिकॉर्डिंग वाले कमरे में आशा के साथ गाना था। लेकिन रामचंद्र तक महेंद्र कपूर की आवाज पहुंच नहीं पा रही थी। रामचंद्र ने आशा के पास जाकर कहा कि महेंद्र आज नर्वस हैं बाद में रिकॉर्ड करेंगे।
आशा ने बताया की कमरे में तो महेंद्र सही गा रहे हैं और उनको वहीं सुनने के लिए कहा। यहां वाकई उनकी आवाज सही आ रही थी। फिर पता लगा कि महेंद्र तो सही गा रहे हैं, लेकिन केबल की तार माइक्रोफोन से कनेक्टेड नहीं है। म्यूजिक डायरेक्टर तक आवाज इसलिए नहीं पहुंच पा रही थी ।
महेंद्र मानते हैं कि भगवती सरस्वती का आशीर्वाद था, इसीलिए कामयाबी मिली वरनाउस दिन तो करियर स्टार्ट होने से पहले ही ख़त्म हो जाता।
मां वैष्णो देवी और हनुमान जी में महेंद्र कपूर की अगाध श्रद्धा थी। उनके गाये ‘मेरे देश की धरती सोना उगले…’ , ‘है रीत जहां की प्रीत सदा…’ जैसे देशभक्ति के गीत आज भी सुनने वालों के बीच अपनी अलग पहचान रखते है। महेंद्र कपूर ने अपनी पहचान उस समय बनाई जब फिल्म इंडस्ट्री में मोहम्मद रफी, तलत महमूद, मुकेश, किशोर कुमार और हेमंत कुमार जैसे आवाज के जादूगर अपने मुकाम पर थे। महेंद्र कपूर ने लोगों पर अपनी आवाज का ऐसा जादू बिखेरा कि लोग उनकी तुलना मोहम्मद रफी से करने लगे थे।
27 सितंबर 2008 को महेंद्र कपूर ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। आइए उनकी पुण्यतिथि पर सुनिये सन 1983 में रिलीज ‘अवतार’ फिल्म का यह सुपर डुपर हिट गीत/भजन । इस गाने को राजेश खन्ना और शबाना आजमी पर फिल्माया गया है। इस गाने की शुरुआत नरेंद्र चंचल बहुत ही बेहतर ढंग से करते है। फिर आते हैं महेंद्र कपूर और आशा भोसले। फिर यह गीत/भजन कालजयी हो जाता है ।मां की महिमा का इससे बेहतर ढंग से वर्णन अन्य किसी गीत में नहीं है। तो कोरोना काल की इस रात्रि में और महेंद्र कपूर साहब की पुण्यतिथि पर सुनिये उनका गाया ये गीत/भजन।
महेंद्र कपूर साहब की पुनीत आत्मा को शत शत नमन।
सुधांशु टाक