नई दिल्ली: देश में एक ओर जहां कोरोना वायरस (Corona Virus) के मामलों में थोड़ी गिरावट आई है, वहीं दूसरी ओर टीकाकरण (Vaccination) को लेकर सरकार ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसी को लेकर मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry Of Health ) के सचिव राजेश भूषण (Rajesh Bhushan) ने कहा, “देश में टीकाकरण को लेकर तैयारी शुरू हो गई है, वहीं उसे सुरक्षित रखने के लिए इस्तेमाल होने वाले उपकरण राज्य सरकारों तक पहुंच चुके हैं।
दुनिया के मुकाबले भारत में कम मामले
आयोजित प्रेस वार्ता में स्वास्थ्य सचिव ने कहा, “भारत में प्रति मिलियन जनसंख्या पर मामलों की संख्या दुनिया में सबसे कम है। भारत में प्रति मिलियन जनसंख्या 7,178 मामलों की संख्या है, वैश्विक औसत 9,000 है।”
The number of cases per million population in India continues to be amongst the lowest in the world. The number of cases in India is 7178 per million population, the global average is 9000: Rajesh Bhushan, Secretary, Ministry of Health and Family Welfare#COVID19 pic.twitter.com/0I92LC1fTH
— ANI (@ANI) December 15, 2020
उपकरण पहुंचे राज्यों तक
कोरोना वैक्सीन को सुरक्षित रखने को लेकर सचिव ने कहा, “29,000 कोल्ड चेन पॉइंट, 240 वॉक-इन कूलर, 70 वॉक-इन फ़्रीज़र, 45,000 आइस-लाइनेड रेफ्रिजरेटर, 41,000 डीप फ़्रीज़र्स और 300 सोलर रेफ्रिजरेटर का उपयोग किया जाएगा। ये सभी उपकरण राज्य सरकारों तक पहुंच चुके हैं।”
29000 cold chain points, 240 walk-in coolers, 70 walk-in freezers, 45000 ice-lined refrigerators, 41000 deep freezers & 300 solar refrigerators will be used. All these equipment have already reached state governments: Rajesh Bhushan, Secretary, Ministry of Health #CovidVaccine pic.twitter.com/0tnJjVCB8n
— ANI (@ANI) December 15, 2020
टीकाकारण के बाद के लिए राज्य रहे तैयार
राजेश भूषण ने कहा, “टीकाकरण के बाद होने वाली घटनाएं एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। जब हम एक सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम करते हैं, जो दशकों में एक बार किया जाता है, तो टीकाकरण के बाद बच्चों और गर्भवती महिलाओं में कुछ प्रतिकूल प्रभाव देखे जाते हैं।”
उन्होंने कहा, “इसलिए, जब # COVID19 टीकाकरण शुरू होगा, तो हम किसी प्रतिकूल घटना की संभावना से इनकार नहीं कर सकते। जिन देशों में टीकाकरण पहले ही शुरू हो चुका है, विशेष रूप से ब्रिटेन में, पहले दिन प्रतिकूल घटनाएं हुईं। इसलिए, यह आवश्यक है कि राज्य और संघ राज्य क्षेत्र इसके लिए भी तैयार हों।”
So, we can’t deny chances of an adverse event when #COVID19 vaccination begins. The countries where immunisation has already begun, especially in the UK, adverse events took place on the very first day. So, it is essential that states and UTs prepare for this too: Rajesh Bhushan https://t.co/lZHvnLknFs
— ANI (@ANI) December 15, 2020
दिल्ली प्रशासन सहित सभी को बधाई
नीति आयोग के स्वास्थ्य विभाग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा, “हमें यह जानकर प्रसन्नता है कि दिल्ली ने प्रगति की है, हम दिल्ली सरकार के साथ-साथ अन्य सरकारों को भी बधाई देते हैं जिन्होंने हाल के दिनों में इतने महत्वपूर्ण नियंत्रण की दिशा में इतना अच्छा काम किया है।
उन्होंने कहा, “ऐसे राज्य हैं जहां हमें अभी भी चिंता है। हम उत्तराखंड, नागालैंड और हिमाचल प्रदेश के सरकार और नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए। “
एक और वैक्सीन के क्लिनिकल परिक्षण की इजाजत
डॉ. पॉल ने कहा, “इस हफ्ते, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भारत से एक और उम्मीदवार के टीके के लिए क्लिनिकल परीक्षण के लिए मंजूरी दे दी। जेनोआ कंपनी ने भारत सरकार की अनुसंधान एजेंसी डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की मदद से एक वैक्सीन विकसित की है।”उन्होंने कहा, ” इसमें इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक फाइजर वैक्सीन जैसी ही है.”
सामान्य तापमान में रखने योग्य
नीति आयोग सदस्य ने कहा, “फाइजर वैक्सीन या कुछ अन्य के विपरीत, यह वैक्सीन यदि यह अस्तित्व में आती है, तो यह एक सामान्य फ्रिज में, सामान्य कोल्ड चेन स्थितियों में बनाए रखने योग्य होगी। देश में अभी छह वैक्सीन का परिक्षण शुरू है।”
कोरोना नियमों का पालन करे किसान
डॉ.पॉल ने कहा, “हमें सावधानी बरतनी चाहिए, सरकार से किसानों को संदेश भेजे गए हैं। लोकतंत्र प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए, लेकिन हमें # COVID19 दिशानिर्देशों का पालन भी करते रहना चाहिए।”
यह एक विनाशकारी बीमारी
गंगा राम अस्पताल में फंगल संक्रमण की वजह से आंखों की रोशनी खोने वाले रोगियों के रिपोर्ट पर पूंछे गए सवाल पर जवाब देते हुए कहा, “यह एक विनाशकारी बीमारी है। हमें सतर्क रहने की जरूरत है। यह एक हल्की बीमारी हो सकती है लेकिन एक गंभीर मोड़ ले सकती है।”
This is a devastating disease. We need to be cautious. This could be a mild disease but can take a serious turn: Dr VK Paul, Member (Health), NITI Aayog on being asked on “reports of fungal infection at Ganga Ram Hospital that is leading to patients losing eyesight” pic.twitter.com/p4A1j0aUEb
— ANI (@ANI) December 15, 2020