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  • बाजार समिति प्रशासन की अनदेखी

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आर्वी. पहले ही किसान आर्थिक रुप से त्रस्त है़ अतिवृष्टी व लॉकडाऊन ने किसानों की कमर तोड दी़ ऐसी स्थिति में बचिकुची फसल बेचने के लिए बाजार समिति में पहुंचे किसान की अडतिये व व्यापारी आर्थिक लूट कर रहे है़ इतना ही नहीं तो किसान जब नगद वेतन मांगते हैं, तो उनसे डेढ फिसदी कमिशन मांगा जाता है़ इन सभी बातों की ओर एपीएमसी प्रशासन अनदेखी कर रहा है.

तहसील के एक अल्पभूधारक किसान की मांडला परिसर में गोयेवाडा में 1 हेक्टयर खेती है़ उसने सोयाबीन की फसल ली थी़ उसे ढाई एकड में मात्र 1.55 क्विंटल सोयाबीन हुआ़ किसान उक्त सोयाबीन लेकर स्थानीय कृउबास के यार्ड पर पहुंचा़ जहां अडतिये के माध्यम से 3950 रुपए प्रति क्विंटल के मूल्य से सोयाबीन बेचा गया़ 1.55 क्विंटल सोयाबीन की कींमत 6122.50 रुपए हुई़ इसमें 122 रुपए अन्य खर्च के रुप में काटे गए़ यह बात जब किसान के ध्यान में आयी तब किसान ने कृउबास प्रशासन से शिकायत की.

सूचना अधिकार कानून में जानकारी लेने पर उक्त अडतिये यह अधिकृत न होने की बात सामने आयी़ बाजार समिति में अडत 1.50 रु़ व्यापारियो से ली जाती है़ तोलाई रु़ 3 रु़ प्रति क्विंटल, फोडाई रु़ 14  प्रति कट्टा, टिकट खर्च रु़ 1 ऐसा कुल 31 रु़ खर्च लेना चाहिए़ मात्र खर्च के नाम पर अतिरिक्त 91 रुपए वसूलने की बात सूचना अधिकार में सामने आयी़ इस संबंध में एसीबी, आर्वी पुलिस थाना, कृउबास आर्वी, सहायक निबंक तथा वरिष्ठस्तर पर शिकायत की गई है़ अब एपीएमसी के व्यापारी व अडतिये उक्त प्रकरण दबाने की कोशीश कर रहे है़ इसमें वें कुछ हद तक सफल भी हुए है़ परंतु ऐसे अनेक प्रकरण है, जिससे किसानों की आर्थिक लूट की जा रही.

इस संबंध में शिकायते आने पर भी एपीएमसी प्रशासन ध्यान नहीं देता़ किसानों को नगद भुगतान की आवश्यकता होती है़ इसी का लाभ उठाकर व्यापारी व अडतिये किसानों का आर्थिक शोषण करते है़ बाजार समिति ने कार्रवाई करने की बात कहने पर माल की खरिदारी न करने की धमकी दी जाती है़ किसानों की यह लूट कब थमेंगी, ऐसा सवाल उपस्थित किया जा रहा है़ एपीएमसी के अनुसार इस संबंध में किसान की शिकायत प्राप्त नहीं हुई़ शिकायत मिलने पर कार्रवाई का आश्वासन एपीएमसी प्रशासन ने दिया है़