कोरोना मरीजों के लिए गांव-गांव तक पहुंचेगी आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी किट- झारखंड सरकार की पहल

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    ओमप्रकाश मिश्र 

    रांची. झारखंड सरकार (Jharkhand Government) कोरोना की जंग जितने के लिए जो पहल की है उसमें आज एक नई कड़ी जुड़ गई है। कोरोना (Corona) के संक्रमण से निपटने के लिए अब राज्य सरकार गांव-गांव तक दवाएं पहुंचाने का काम करेगी। इन दवाओं में आयुर्वेदिक (Ayurvedic), होम्योपैथीक (Homoeopathic), यूनानी किट के अलावा इम्युनिटी बूस्टर दवाएं भी शामिल हैं। इन दवाओं की पैकिंग किट तैयार करने की जिम्मेदारी जेएसएलपीएस (JSLPS) संपोषित सखी मंडल की बहनों और आंगनबाडी सेविकाओं को दी गई है। जिसमे अब तक तक़रीबन एक लाख किट बनकर तैयार हो चुके हैं। ग्रामीणों की जीवन रक्षा कार्य के लिए उठाए गए राज्य सरकार की इस पहल से गांव के कोरोना पीड़ित मरीजों को भी अब आसानी से दवा मिल सकेगी। 

    इस योजना का मुख्य फोकस ग्राम स्तर पर संक्रमितों की पहचान,  दवाई की उपलब्धता,  मुख्यमंत्री राहत किट जल्द से जल्द जरुरतमंद ग्रामीणों तक पहुंचाना है। इस योजना का उद्देश्य है कोरोना संक्रमण से यथासंभव बचाव और मरीजों की जान की रक्षा। इस कार्य की निगरानी की जिम्मेदारी स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ली है। इसके लिए जेएसएलपीएस की मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी नैंसी सहाय को नोडल अधिकारी  नियुक्त किया गया है। दवाओं की ज्यादा से ज्यादा किट तैयार किया जा सके इसके लिए ग्रामीण महिलाओं का सहयोग लिया जा रहा है। 

    अब तक एक लाख किट तैयार

    इस प्रयास के तहत अब तक करीब एक लाख किट बनकर तैयार हो चुके है, बाकी और ज्यादा किट बनाने  का कार्य प्रगति पर है। तैयार हो चुके किट के  वितरण का आदेश मुख्यमंत्री ने दे दिया है। इससे जरूरतमंदों तक किट पहुंचाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। आंगनबाड़ी सेविकाएं गांव में बीमार लोगों के बीच मुख्यमंत्री राहत किट का वितरण कर रही हैं। प्रत्येक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 10-10 किट प्रदान किए जा रहे हैं, जिन्हें वे संक्रमित लोगों को उपलब्ध करा रही हैं। राज्य भर में 38, 432 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इसके लिए 3, 84, 320 किट वितरण के लिए उपलब्ध कराया जाना है । किट निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की इसका लाभ मिल सके।

    महिलाएं हर दिन 10 हजार किट पैक कर रही हैं

    सीएम हेमंत सोरेन ने गांव की महिलाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि दवाओं के किट को तैयार करने में जेएसएलपीएस से जुड़ी करीब 100 महिलाएं दिन-रात इस कार्य में जुटी है। अगर इन महिलाओं का  साथ नहीं मिलता  तो यह कार्य इतना आसान नहीं होता। ये महिलाएं हर दिन 10 हजार किट पैक कर रही हैं। मरीजों को जरुरत के मुताबिक, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी किट भी उपलब्ध कराने की प्रक्रिया जारी है, ताकि लोगों को बीमारियों से लड़ने के अलावा उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाई जा सके और मौत के आंकड़े कम हो सके। कोरोना मरीजों को उनकी उपयोगिता के मुताबिक हेल्थ किट भी उपलब्ध कराने की योजना है, जिसमें सामान्य दवाइयां यथा पारासिटामोल, जिंक, विटामिन सी, विटामिन डी और आयरन की गोलियां उपलब्ध होंगी। 

    झारखंड में कोरोना संक्रमण का वेग कम हुआ

    झारखंड सरकार जेएसएलपीएस के सीईओ, नैंसी सहाय के हवाले से कहा गया है कि आंगनबाड़ी सेविकाएं और जेएसएलपीएस के सखी मंडल की महिलाएं कड़ी मेहनत कर इस आपदा में किट तैयार कर रहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य जल्द से जल्द ज्यादा किट तैयार किया जाना और उन्हें जरुरतमंद ग्रामीणों को उपलब्ध कराना है, ताकि ग्रामीण इलाकों में संक्रमण को रोका जा सके। हालाँकि झारखंड में कोरोना संक्रमण का वेग कम हुआ है। संक्रमित मरीजों के अलावा इससे मरने वालो की संख्या भी बहुत कम हुई है। फिर भी शहर से अब गांव की तरफ कोरोना का प्रसार ज्यादा होने के कारण यह कारगर कदम उठाया जाना आवश्यक था क्योंकि झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी शिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण ग्रामीण कोरोना की विभीषिका से पूरी तरह वाकिफ नहीं हो पाए हैं। साथ ही कोरोना लॉकडाउन की वजह से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीण दवा खरीदने पाने से भी महरूम रह जा रहे हैं। जिससे संक्रमण के साथ मौते ज्यादा हुई हैं। गाँव-गाँव तक दवा पहुंचाने के सरकार की इस पहल से कोरोना के संक्रमण को रोकने के साथ साथ ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों के जीवन की रक्षा की जा सकेगी।