नागपुर. बिना बोर्ड वाली कक्षाओं में प्रवेश के लिए भी छात्रों को ऑनलाइन टेस्ट की प्रकिया से गुजरना पड़ सकता है. सिटी के ज्यादातर स्कूल एडमिशन के लिए ऑनलाइन टेस्ट या आईक्यू लेवल टेस्ट कराने के पक्ष में हैं. स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र की शुरूआत होने वाली है. ऐसे में बच्चों में किस कोर्स में रुचि है और वे किसमें बेहतर पढ़ाई कर सकते हैं, इसको लेकर स्कूलों में स्टूडेंट्स का आईक्यू टेस्ट कराया जा सकता है. नहीं तो उनका ऑनलाइन टेस्ट भी लिया जा सकता है.
लेकिन छात्रों की मनमर्जी से उन्हें विषय देने से स्कूल हिचकिचा रहे हैं. इसके अलावा अभिभावक भी बच्चे की योग्यता परखने के लिए खुद ही आईक्यू टेस्ट करा रहे हैं, ताकि बच्चे की पसंद का सब्जेक्ट जानकर आगे की पढ़ाई संबंधित विषय में करवाई जा सके. इसका मुख्य कारण है कि कई बार बच्चे दोस्तों की देखादेखी विषय ले लेते हैं.
इसलिए आईक्यू टेस्ट का ट्रेंड इन दिनों बढ़ रहा है. यह आईक्यू टेस्ट इन दिनों ऑनलाइन हो रहा है, जिसमें बढ़ी संख्या में स्टूडेंट्स शामिल हो रहे हैं. कोचिंग संचालक भी इस टेस्ट में अहम भूमिका निभा रहे हैं. पैरेंट्स सीधे कोचिंग संचालकों से भी इस बारे मे सलाह ले रहे हैं. जानकारों ने बताया कि सामान्य तौर पर 90 से 110 के बीच में आईक्यू लेवल होता है.
125 से 130 आईक्यू लेवल होने पर बच्चे को होशियार माना जाता है. कई बार जब बच्चे के अच्छे अंक संबंधित विषय में कम आते तो अभिभावक उसका आईक्यू टेस्ट कराते हैं. अब सिटी के स्कूलों में भी प्रवेश को लेकर क्राइटेरिया तय करने के समय इस ऑप्शन को भी शामिल किया जा रहा है.