- वार्ड विकास निधि पर घमासान
अमरावती. महानगरपालिका चुनाव को अब कुछ महीने ही शेष रह गए है. अब तक के कार्यकाल में कुछ भी विकास ना कर पाने के मलाल ने पार्षदों की चिंता बढ़ा दी हैं. मंगलवार की मनपा आमसभा में पार्षदों ने यह चिंता जाहिर करते की. जल्द से जल्द विकास निधि रिलीज करने के लिए प्रशासन को कड़ा अल्टीमेटम भी पार्षदों ने इस समय दिया.
प्रशासन पर सत्ता पक्ष की खिलाफत का आरोप
प्रत्येक पार्षद को वार्ड विकास के लिए 50-50 लाख रुपए देने का नियोजन है, लेकिन अब तक पार्षदों को केवल 15-15 लाख रुपए का ही फंड आवंटित हो पाया है. जिससे सर्वदलीय पार्षद भड़क उठे. तुरंत प्रभाव से वार्ड विकास निधि आवंटित करने की मांगें रखीं. जिस पर आयुक्त प्रशांत रोडे ने जल्द से जल्द निधि देने का आश्वासन सदन को दिया.
मनपा में सत्ता भले ही भाजपा की है, लेकिन मनपा प्रशासन पर सत्ता पक्ष का दबाव ही नहीं है. किसी अन्य बाहरी के इशारे पर डोलने का आरोप भी प्रशासन पर पार्षदों ने लगाया. जल्द से जल्द विकास निधि ना मिला तो मनपा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले विकास कामों का भूमिपूजन कैसे होंगा, यह चिंता पार्षदों को सता रही हैं.
…तो नहीं होने दूंगा आमसभा : अ. नाजिम
शहर की मुस्लिम बस्तियों के विकास के लिए दलित बस्ती विकास की तर्ज पर स्वतंत्र फंड नहीं मिलता. इसलिए उन बस्तियों का डेवलपमेंट वार्ड विकास तथा स्वेच्छा निधि से ही कराना पड़ता है, लेकिन विकास निधि ही नहीं दिया जाएगा तो विकास कार्य कैसे पूरे करेंगे. जनता को क्या जवाब देंगे.
यह सवाल उपस्थित कर एमआईएम गुटनेता अ. नाजिम ने चेताया कि यदि तुरंत विकास निधि नहीं मिली तो अगले महीने से आमसभा ही नहीं होने देंगे. विकास के लिए निधि ही नहीं है. यह रटा रटाया जवाब प्रशासन देना बंद करें. यदि विकास के लिए निधि नहीं दे सकते तो महापौर व आयुक्त समेत सभी अपना-अपना इस्तीफा दें, यह मांग भी अ. नाजिम ने तीखे लहजे में आमसभा में की.
प्रशासन पर कंट्रोल किसका : भारतीय
महानगरपालिका में भारतीय जनता पार्टी की सत्ता है, लेकिन मनपा प्रशासन पर सत्ता पक्ष की कोई पकड़ ही नहीं है. सत्ता पक्ष के खिलाफ ही प्रशासनिक गतिविधियां जारी हैं. जिस पर तीखा कटाक्ष करते हुए सदन नेता तुषार भारतीय ने मनपा प्रशासन पर कंट्रोल आखिर है किसका? किसके इशारे या दबाव में मनपा प्रशासन काम कर रहा है.
यह सवाल भी भारतीय ने आमसभा में उपस्थित किया. जिसके जवाब में निगमायुक्त प्रशांत रोडे द्वारा पार्षदों की नाराजगी दूर करने का प्रयास किया गया. जल्द ही वार्ड विकास निधि जारी करने की कार्रवाई करने का आश्वासन पार्षदों को आयुक्त ने दिया है.
समान काम तो वेतन कम क्यों : चिमोटे
मनपा में आउटसोर्सिंग व अन्य पद्धति से नियुक्त होने वाले सभी कर्मियों को समान वेतन देने पर भी आमसभा में जमकर हंगामा हुआ. जब नए नियमानुसार नियुक्त किए जा रहे वाहन चालकों को 26 हजार वेतन देना प्रस्तावित है. तो पुराने वाहन चालकों को केवल 8 से 9 हजार रुपए ही वेतन क्यों दिया जा रहा है.
कामगारों पर ऐसा अन्याय करने की मनमानी करने की इजाजत मनपा प्रशासन को किसने दे रखी है. यह सवाल उपस्थित करते हुए पूर्व मेयर मिलिंद चिमोटे भी आगबबूला हो गए. जब काम समान है, तो वेतन भी समान देने की मांग कर उन्होंने विवादित टेंडर प्रकिया को लेकर प्रशासन को खूब खरी-खोटी भी सुनाई.