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    नागपुर. रेलवे ने कोरोना महामारी के बचाव के नाम पर मासिक सीजन टिकट (एमएसटी) बंद कर रखा है. इसके कारण पिछले डेढ़ वर्षों से हजारों यात्रियों की जेब ढीली हो रही है. हालांकि उत्तर रेलवे ने ट्रेनों में यात्रियों के लिए एमएसटी सुविधा शुरू कर दी है, लेकिन पहले की तरह यह सुविधा हर ट्रेन में उपलब्ध नहीं होगी.

    एमएसटी धारक यात्रियों को कुछ चुनिंदा ट्रेनों में ही सफर करने की अनुमति है. ऐसे में मध्य रेल में यह सुविधा कब से शुरू होगी, इसका इंतजार हजारों यात्रियों को है. नागपुर मंडल के तहत कोरोना संकटकाल से पहले हर दिन औसत 307 एमएसटी धारक यात्री सफर करते थे. इस प्रकार अभी हर महीने करीब 9,000 से अधिक यात्रियों को परेशानी सहनी पड़ रही है.

    हर महीने बढ़ा 1,500 से 2,000 रु. का खर्च

    उल्लेखनीय है कि रेलवे द्वारा एमएसटी सुविधा के तहत यात्रियों को किराये में भारी राहत मिलती थी. यात्रियों को 50 से 60 प्रतिशत किराया ही देना होता था. इनमें लगभग सभी एमएसटी नागपुर स्टेशन होती थी जो नागपुर मंडल के तहत बैतूल, आमला, पांढुरना, सेवाग्राम, वर्धा, चंद्रपुर, वरोरा, धामनगांव, अमरावती, नरखेड़, काटोल आदि शहरों के यात्रियों द्वारा बनाई जाती थी.

    अधिकारियों की मानें तो पूरे मंडल में हर महीने करीब 9,000 मासिक सीजन टिकटधारी यात्री सफर करते थे. अब इन्हें बसों, टैक्सियों या अपने पर्सनल व्हीकल से सफर करना पड़ रहा है. जो यात्री ट्रेनों से हर दिन सफर जारी रखे हैं उन्हें रिजर्वेशन करना पड़ रहा है. इससे अब हर यात्री का हर महीने 1,500 से 2,000 रुपये का खर्च बढ़ गया है. 

    रेलवे को भारी नुकसान

    भले ही रेलवे ने कोरोना महामारी के नाम पर फिलहाल देश के अधिकांश स्टेशनों से एमएसटी बंद कर रखी हो लेकिन इससे नुकसान उसे भी हो रहा है. केवल कन्फर्म टिकट पर सफर और स्टापेज कम होने से वैसे ही ट्रेनों में यात्रियों की संख्या पहले की तुलना में कहीं अधिक, कहीं कम हो गई है. ऐसे में एमएसटी सुविधा बंद होने से भी रेलवे को नुकसान हो रहा है.

    नागपुर मंडल में हर महीने करीब 9,000 यात्री एमएसटी टिकट पर सफर करते थे. इससे हर महीने लाखों की कमाई होती थी लेकिन सुविधा के साथ अब इस पर भी ब्रेक लगा हुआ है. हालांकि रेलवे ने इसकी खानापूर्ति के लिए भले ही बेसिक किराया न बढ़ाया हो लेकिन स्पेशल ट्रेनों में स्पेशल चार्ज के नाम पर यात्रियों को महंगे किराये वाली टिकट जरूरी थमाई जा रही है. 

    90 प्रश ट्रेनें पर यात्रियों को लाभ नहीं

    उधर, देश में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन तेज होते ही करीब 90 प्रतिशत ट्रेनें फिर शुरू कर दी गई हैं. हालांकि छोटे और मझोले स्टेशनों के यात्रियों को इनका लाभ नहीं मिल रहा. इसकी सबसे बढ़ी वजह कन्फर्म टिकट पर ही यात्रा करने की शर्त, पैसेंजर ट्रेनों का बंद होना और एक्सप्रेस ट्रेनों में एमएसटी सुविधा भी निलंबित रखना है. ऐसे में 90 प्रतिशत ट्रेनें दोबारा दौड़ने के बाद भी रेलवे का एक बड़ा यात्री वर्ग इससे दूर है.

    उत्तर रेलवे में भले ही चुनिंदा ट्रेनों में ही एमएसटी पर सफर करने की अनुमति मिली हो लेकिन यात्रियों की मुख्य सुविधा तो शुरू हुई. यदि नागपुर मंडल में यह सुविधा मिले तो हजारों यात्रियों को राहत मिलेगी. अधिकारियों की मानें तो रेलवे बोर्ड के दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है. बोर्ड से स्वीकृति मिलते ही यह सुविधा प्रारंभ की जाएगी.